स्वप्न मेरे: उम्र से ज़्यादा जोड़ा है ...

रविवार, 27 जुलाई 2014

उम्र से ज़्यादा जोड़ा है ...

उम्र से ज़्यादा जोड़ा है
फिर भी कितना थोड़ा है

बाबस्ता यादें उस से
घर जो हमने छोड़ा है

परदेसी हो कर जाना
कौन सा नाता तोड़ा है

शहरों के रास्तों पर तो
हर कोई बस रोड़ा है

गुमनामी में है जिसने
तूफां का रुख मोड़ा है

उसके दोड़े घर चलता
वो जुम्मन का घोड़ा है

तंग हैं उनके दिल उतने
जितना आँगन चौड़ा है

2 टिप्‍पणियां:

  1. उसके दोड़े घर चलता
    वो जुम्मन का घोड़ा है
    तंग हैं उनके दिल उतने
    जितना आँगन चौड़ा है
    .... बिलकुल सही आज यही हालात देख दुःख होता है ..

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