स्वप्न मेरे: वक़्त को आज़मा के देखो तो ...

रविवार, 3 अगस्त 2014

वक़्त को आज़मा के देखो तो ...

दर्द में मुस्कुरा के देखो तो
गीत खुशियों के गा के देखो तो

जीत लोगे तमाम दुनिया तुम
दाव खुद पे लगा के देखो तो

हौंसला है तो साथ देता है
वक़्त को आज़मा के देखो तो

हद भी होती है ज़ुल्म सहने की
शान से सर उठा के देखो तो

उसमें अपना ही अक्स दिखता है
माँ के नज़दीक जा के देखो तो

बाप दे देगा जो भी मांगोगे
तुम कभी सर झुका के देखो तो

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