tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post505165165376771508..comments2024-03-19T14:01:16.566+05:30Comments on स्वप्न मेरे: मुहब्बतदिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger80125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-67111473806394495992011-12-14T18:04:35.446+05:302011-12-14T18:04:35.446+05:30बार बार पढने वाली शायरी !!बार बार पढने वाली शायरी !!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-85645012941015977722011-05-04T11:02:55.214+05:302011-05-04T11:02:55.214+05:30ग़ज़ल प्यारी है.एक एक शे'र लाजवाब है..बहुत ख़ूब ...ग़ज़ल प्यारी है.एक एक शे'र लाजवाब है..बहुत ख़ूब ..शुभकामनायें..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-3543849647176328172011-04-07T18:37:42.020+05:302011-04-07T18:37:42.020+05:30उमड़ती घटाएं महकती फिजायें
किसी की तो है चित्रकार...उमड़ती घटाएं महकती फिजायें <br />किसी की तो है चित्रकारी मुहब्बत <br /><br />उफ्फ्फ्फ़...क्या कहते हो भाई...हद करते हो...इतनी शानदार ग़ज़ल...एक के बाद एक पढ़ रहा हूँ और झूम रहा हूँ...लगता है जैसे कोई खज़ाना हाथ लग गया है...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-86090301845908905102011-02-21T16:22:25.532+05:302011-02-21T16:22:25.532+05:30बहुत खूब।बहुत खूब।Rajeyshahttps://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-29792151940930583392011-02-17T08:04:35.247+05:302011-02-17T08:04:35.247+05:30अद्भुद !
एक एक शे'र लाजवाब
मोहोब्बत मोहोब्ब...अद्भुद ! <br />एक एक शे'र लाजवाब <br /><br />मोहोब्बत मोहोब्बत मोहोब्बतपद्म सिंहhttp://padmsingh.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-55762319116930345072011-02-03T06:19:07.079+05:302011-02-03T06:19:07.079+05:30बाऊ जी,
नमस्ते!
पूरी नज़्म के लिए:
आनंद! आनंद! आनंद...बाऊ जी,<br />नमस्ते!<br />पूरी नज़्म के लिए:<br />आनंद! आनंद! आनंद!<br />आखिरी चार लाईनों के लिए:<br />सादर चरण स्पर्श!<br />आशीषसूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-79892966271178262011-02-02T09:21:37.180+05:302011-02-02T09:21:37.180+05:30बहुत खूब नासवा जी ....शुभकामनायें आपको !बहुत खूब नासवा जी ....शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-20139206910053568732011-01-31T18:58:58.695+05:302011-01-31T18:58:58.695+05:30मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से
न मैं जीत पाया न...मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से<br />न मैं जीत पाया न हारी मुहब्बत <br /><br />बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है ! पूरी ग़ज़ल प्यारी है !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-20656888774731947002011-01-30T19:04:15.131+05:302011-01-30T19:04:15.131+05:30प्रिय बंधुवर दिगम्बर नासवा जी
अच्छी ग़ज...<b><i>प्रिय बंधुवर दिगम्बर नासवा जी </i></b> <br /><b> </b> <br />अच्छी ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद !<br /><br /><b>मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से <br />न मैं जीत पाया न हारी मुहब्बत <br /> </b> <br />हर शे'र प्यारा है… और यह तो क्या बात है ! बहुत ख़ूब !! <br /><b> </b> <br /><b> हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !</b> <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-6738482041919033282011-01-27T22:50:15.755+05:302011-01-27T22:50:15.755+05:30muhabbat muhabbat muhabbat muhabbat muhabbat....ba...muhabbat muhabbat muhabbat muhabbat muhabbat....bas sar se paanv tak bheeg gaya is ghazal men.. .. bahut effortless lag rahe hain sabhi sher... lag hee nahi raha ki kaheen zabardasti socha gaya.. gazab ka bandha khayaal...waah .... :)स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-89739799492575308252011-01-27T17:32:20.867+05:302011-01-27T17:32:20.867+05:30Gantantr diwas mubarak ho!Gantantr diwas mubarak ho!shamahttps://www.blogger.com/profile/15550777701990954859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-84040339532664644932011-01-26T21:54:22.190+05:302011-01-26T21:54:22.190+05:30पनपने लगेंगे कई ख्वाब मिल के
जो पलकों में तूने उता...पनपने लगेंगे कई ख्वाब मिल के<br />जो पलकों में तूने उतारी मुहब्बत <br /><br />बहुत ही खूबसूरत एवं भावपूर्ण गज़ल ! हर अशआर दिल में उतरता चला जाता है ! बधाई एवं शुभकामनायें !Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-85086119519234726242011-01-26T10:14:57.433+05:302011-01-26T10:14:57.433+05:30गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....
---------...गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.....<br />---------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">हिन्दी के सर्वाधिक पढ़े जाने वाले ब्लॉग।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-35372039012380594732011-01-26T09:59:56.077+05:302011-01-26T09:59:56.077+05:30उमड़ती घटाएं महकती फिजायें
किसी की तो है चित्रकार...उमड़ती घटाएं महकती फिजायें <br />किसी की तो है चित्रकारी मुहब्बत <br /><br /><br />मोहब्बत को कितनी खूबसूरती से बयां किया है आपने!वन्दना महतो ! (Bandana Mahto)https://www.blogger.com/profile/16009745507164533185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-14773368131462953132011-01-26T01:25:31.423+05:302011-01-26T01:25:31.423+05:30मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से
न मैं जीत पाया न...मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से<br />न मैं जीत पाया न हारी मुहब्बत<br /><br />सुनाते हैं जो लैला मजनू के किस्से<br />वो कहते हैं कितनी हे प्यारी मुहब्बत<br />sach kaha aesi hi hoti hai mohbbat ,bahut badhiya rachna ,gantantra divas ki badhai .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-37968601492801553902011-01-25T21:27:59.138+05:302011-01-25T21:27:59.138+05:30प्रेम के विविध रंगों का वर्णन करती एक सुंदर ग़ज़ल।...प्रेम के विविध रंगों का वर्णन करती एक सुंदर ग़ज़ल।<br /><br />इस प्रेमिल रचना के लिए बधाई।<br /><br />आपको गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-34861827864718957982011-01-25T19:07:40.894+05:302011-01-25T19:07:40.894+05:30बहुत बेहतरीन और उम्दा शेर पेश किए है आपने| धन्यवाद...बहुत बेहतरीन और उम्दा शेर पेश किए है आपने| धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-25810478996496942542011-01-25T17:38:32.689+05:302011-01-25T17:38:32.689+05:30फटेहाल जेबों ने धीरे से बोला
चलो आज कर लो उधारी म...फटेहाल जेबों ने धीरे से बोला <br />चलो आज कर लो उधारी मुहब्बत<br /><br />-वाह! क्या बात है!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-1669115990127483032011-01-25T10:18:11.957+05:302011-01-25T10:18:11.957+05:30सच ही तो है हर समस्या का समाधान है
"मुहब्ब...सच ही तो है हर समस्या का समाधान है <br /> "मुहब्बत मुहब्बत बस मुहब्बत "!!निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-58519209646822470432011-01-24T18:06:45.195+05:302011-01-24T18:06:45.195+05:30जनाब जाकिर अली साहब की पोस्ट "ज्योतिषियों क...जनाब जाकिर अली साहब की पोस्ट "ज्योतिषियों के नीचे से खिसकी जमीन : ढ़ाई हजा़र साल से बेवकूफ बन रही जनता?" पर निम्न टिप्पणी की थी जिसे उन्होने हटा दिया है. हालांकि टिप्पणी रखने ना रखने का अधिकार ब्लाग स्वामी का है. परंतु मेरी टिप्पणी में सिर्फ़ उनके द्वारा फ़ैलाई जा रही भ्रामक और एक तरफ़ा मनघडंत बातों का सीधा जवाब दिया गया था. जिसे वो बर्दाश्त नही कर पाये क्योंकि उनके पास कोई जवाब नही है. अत: मजबूर होकर मुझे उक्त पोस्ट पर की गई टिप्पणी को आप समस्त सुधि और न्यायिक ब्लागर्स के ब्लाग पर अंकित करने को मजबूर किया है. जिससे आप सभी इस बात से वाकिफ़ हों कि जनाब जाकिर साहब जानबूझकर ज्योतिष शाश्त्र को बदनाम करने पर तुले हैं. आपसे विनम्र निवेदन है कि आप लोग इन्हें बताये कि अनर्गल प्रलाप ना करें और अगर उनका पक्ष सही है तो उस पर बहस करें ना कि इस तरह टिप्पणी हटाये. <br /><br /><a rel="nofollow"><b>@ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ ने कहा "और जहां तक ज्योतिष पढ़ने की बात है, मैं उनकी बातें पढ़ लेता हूँ,"</b><br /><br />जनाब, आप निहायत ही बचकानी बात करते हैं. हम आपको विद्वान समझता रहा हूं पर आप कुतर्क का सहारा ले रहे हैं. आप जैसे लोगों ने ही ज्योतिष को बदनाम करके सस्ती लोकप्रियता बटोरने का काम किया है. आप समझते हैं कि सिर्फ़ किसी की लिखी बात पढकर ही आप विद्वान ज्योतिष को समझ जाते हैं?<br /><br />जनाब, ज्योतिष इतनी सस्ती या गई गुजरी विधा नही है कि आप जैसे लोगों को एक बार पढकर ही समझ आजाये. यह वेद की आत्मा है. मेहरवानी करके सस्ती लोकप्रियता के लिये ऐसी पोस्टे लगा कर जगह जगह लिंक छोडते मत फ़िरा किजिये.<br /><br />आप जिस दिन ज्योतिष का क ख ग भी समझ जायेंगे ना, तब प्रणाम करते फ़िरेंगे ज्योतिष को.<br /><br />आप अपने आपको विज्ञानी होने का भरम मत पालिये, विज्ञान भी इतना सस्ता नही है कि आप जैसे दस पांच सिरफ़िरे इकठ्ठे होकर साईंस बिलाग के नाम से बिलाग बनाकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने लग जायें?<br /><br />वैज्ञानिक बनने मे सारा जीवन शोध करने मे निकल जाता है. आप लोग कहीं से अखबारों का लिखा छापकर अपने आपको वैज्ञानिक कहलवाने का भरम पाले हुये हो. जरा कोई बात लिखने से पहले तौल लिया किजिये और अपने अब तक के किये पर शर्म पालिये.<br /><br />हम समझता हूं कि आप भविष्य में इस बात का ध्यान रखेंगे.<br /><br />सदभावना पूर्वक<br />-राधे राधे सटक बिहारी</a>Radhe Radhe Satak Biharihttps://www.blogger.com/profile/15040698552720503490noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-46420173241497431302011-01-24T16:24:14.386+05:302011-01-24T16:24:14.386+05:30behad khobsorat gazal kahten hai bhai digambarji d...behad khobsorat gazal kahten hai bhai digambarji dil khush ho jata haithanks with regardsजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-12799818434164631032011-01-23T09:33:53.431+05:302011-01-23T09:33:53.431+05:30दिगंबर जी, बहुत बेहतरीन और उम्दा शेर पेश किए आपने....दिगंबर जी, बहुत बेहतरीन और उम्दा शेर पेश किए आपने..आख़िरी शेर तो कमाल का है...थोड़े अंतराल पर आए आप और धमाल कर दिए...एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बधाई..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-71194586595890883812011-01-23T07:13:15.345+05:302011-01-23T07:13:15.345+05:30कई शेर ऐसे हैं कि जिन्हें पढ़कर दिल उछलने लगता है।...कई शेर ऐसे हैं कि जिन्हें पढ़कर दिल उछलने लगता है। यदि सिर्फ ये हों तो मन उड़ता ही रहे...<br /><br />खुदा की है ये दस्तकारी मुहब्बत <br />जमीं पे है किसने उतारी मुहब्बत <br /><br />उमड़ती घटाएं महकती फिजायें <br />किसी की तो है चित्रकारी मुहब्बत <br /><br />चली है जुबां पर मेरा नाम लेकर <br />वो नाज़ुक सि अल्हड कुंवारी मुहब्बत <br /><br />है बदली हुई वादियों की फिजायें <br />पहाड़ों पे हे बर्फ़बारी मुहब्बत <br /><br />अमीरों को मिलती है ये बेतहाशा <br />गरीबों को है रेजगारी मुहब्बत <br /><br />है दस्तूर कैसा ज़माने क देखो <br />सदा ही है पैसे से हारी मुहब्बत <br /><br />फटेहाल जेबों ने धीरे से बोला <br />चलो आज कर लो उधारी मुहब्बत <br />....इन शेरों को कहने का अंदाज निराला है। बहुत बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-21226578961918923262011-01-22T23:09:38.150+05:302011-01-22T23:09:38.150+05:30मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से
न मैं जीत पाया न...मुहब्बत है सौदा दिलों का दिलों से<br />न मैं जीत पाया न हारी मुहब्बत<br /><br />सुनाते हैं जो लैला मजनू के किस्से<br />वो कहते हैं कितनी हे प्यारी मुहब्बत<br /><br />चली है जुबां पर मेरा नाम लेकर<br />वो नाज़ुक सि अल्हड कुंवारी मुहब्बत<br /><br />है बदली हुई वादियों की फिजायें<br />पहाड़ों पे हे बर्फ़बारी मुहब्बत<br /><br />नसवा जी .....सुभानाल्लाह .....<br />हर शे'र चुन चुन कर लिखा है .....<br />आपकी ये ग़ज़ल पहले भी पढ़ चुकी हूँ ...<br />कायल तो तभी हो गई थी ....<br />बहुत खूब ....<br />बहुत ही उम्दा लेखन .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-84633690605325784252011-01-22T13:25:15.026+05:302011-01-22T13:25:15.026+05:30ज़माने के झूठे रिवाजों में फंस कर
लुटी बस मुहब्बत...ज़माने के झूठे रिवाजों में फंस कर <br />लुटी बस मुहब्बत बिचारी मुहब्बत <br /><br />digambar ji,<br />puri ghazal khubsurat,dil men utar jaane waale shero ka guldasta hai.<br /><br />makammal aur behatarin ghazal .<br />Gyanchand marmagyaज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.com