स्वप्न मेरे: घंटियों में गूंजती अज़ान होना चाहिए

रविवार, 21 दिसंबर 2008

घंटियों में गूंजती अज़ान होना चाहिए

गीत जो गाना हो राष्ट्रगान होना चाहिए
घंटियों में गूंजती अज़ान होना चाहिए

बाइबल गीता यहाँ, कुरान होना चाहिए
जो कोई इनको पढ़े इंसान होना चाहिए

आज भी है इंतज़ार में तुम्हारे अहिल्या
राम को जाते हुवे यह भान होना चाहिए

गीदड़ों ने ओढ़ ली है खाल आज शेर की
आज से जंगल में जंगल राज होना चाहिए

आज फ़िर उठने लगा है दंभ शिशुपाल का
तर्जनी मैं चक्र का संधान होना चाहिए

टूट गयी व्यवस्था, न्याय है बिखरा हुवा
नया फ़िर से कोई संविधान होना चाहिए

होंसले को तुम जो मेरे चाहते हो तोलना
साथ कश्ती के मेरे तूफ़ान होना चाहिए

सागर जमीं आकाश चाँद सब तुम्हारे नाम है
दो गज हि सही मेरा भी मकान होना चाहिए

गाँव के बरगद तले डेरा है काले मेघ का
सूख गयी जो ज़मी, खलिहान होना चाहिए

छोड़ दो मुझको या दे दो कैद सारे उम्र की
मेरी ग़ज़ल इकबालिया बयान होना चाहिए

ढूंढते हो काहे मुझको अर्श की गहराई मैं
मील का पत्थर मेरा निशान होना चाहिए

पंछियों के घोंसलों से एक ही आवाज़ है
बेखोफ उड़ सकें वो आसमान होना चाहिए

अमावस के शहर में जुगनू है मेरी जेब में
उनके महल के सामने मकान होना चाहिए

33 टिप्‍पणियां:

  1. होंसले को तुम जो मेरे चाहते हो तोलना
    साथ कश्ती के मेरे तूफ़ान होना चाहिए
    ...यहां तक तो यह रचना बहुत ही अच्छी है। उसके आगे अच्छी है। पढ़कर काफी अच्छा लगा। बधाई।

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  2. बहुत सुंदर रचना....पढकर अच्‍छी लगी।

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  3. likhte to hain sabhi yahan par vo kashih kahan
    itni kashish se likhne vale chand aur hone chayien

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  4. अति सुंदर...प्रभाव शाली रचना...
    नीरज

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  5. kya kahana chahate ho isaka bhan hona chahiye. tukke jodne ka nahi kewal kam hona chahiye. tipani denewale ko bhi kuchh dhyan dena chahiye.

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  6. छोड़ दो मुझको या दे दो कैद सारे उम्र की
    मेरी ग़ज़ल इकबालिया बयान होना चाहिए

    बहुत अच्छी गजल।

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  7. bahut hi umda khyal hain--
    sher sabhi lajawab hain.
    'होंसले को तुम जो मेरे चाहते हो तोलना
    साथ कश्ती के मेरे तूफ़ान होना चाहिए '
    yah sher behad pasand aaya.
    -badhayee!

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  8. उम्दा ख्याल सीधे दिलों पर छा गए |
    आपने तो हरिवंश राय बच्चन की याद दिला दी |
    धन्यवाद |

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  9. अमावस के शहर में जुगनू है मेरी जेब में
    उनके महल के सामने मकान होना चाहिए
    हर बार की तरह आपकी लेखनी ने जादू बिखेरा है

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  10. सागर जमीं आकाश चाँद सब तुम्हारे नाम है
    दो गज ही सही मेरा भी मकान होना चाहिए

    बहुत सुंदर लगी आपकी यह रचना

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  11. कुछ शेर जैसे आज के हालात को आइना सा देते है ,कुछ इस देश को.....ये शेर ख़ास पसंद आए




    छोड़ दो मुझको या दे दो कैद सारे उम्र की
    मेरी ग़ज़ल इकबालिया बयान होना चाहिए

    ढूंढते हो काहे मुझको अर्श की गहराई मैं
    मील का पत्थर मेरा निशान होना चाहिए

    पंछियों के घोंसलों से एक ही आवाज़ है
    बेखोफ उड़ सकें वो आसमान होना चाहिए

    अमावस के शहर में जुगनू है मेरी जेब में
    उनके महल के सामने मकान होना चाहिए

    जवाब देंहटाएं
  12. देर से आने के लिए माफ़ी चाहूँगा, आपने बहुत उम्दा बात की है

    ......................................
    http://prajapativinay.blogspot.com/

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  13. ये पूरी की पूरी रचना हर भारतवासी की जुबान पर होनी चाहिए ....
    बहुत ही प्रभावशाली लिखा है........

    अक्षय-मन

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  14. Wish you a Merry Christmas and may this festival bring abundant joy and happiness in all of yours life!

    Merry Chirstmas.....


    http://spicygadget.blogspot.com/

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  15. ये भी खूब रही साहब... ढेरो बधाई आपको..


    अर्श

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  16. १.मन में उबलता लावा कलम की रोशनाई के ज़रिये बहता दिख रहा है ! शब्द एक जबर्दस्त मन के तेज बहते दरियाव को पार करके आए हैं सो बड़े शक्तिशाली हो उठे हैं ! अभिव्यक्ति शशक्त है , रचना सुंदर !
    २.'होंसले को तुम जो मेरे चाहते हो तोलना
    साथ कश्ती के मेरे तूफ़ान होना चाहिए '--
    "गुल से लिपटी हुयी तितली को गिरा कर देखों
    आधियों तुमने दरख्तों को गिराया होगा "
    मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !

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  17. सुंदर और विचारपूर्ण. निम्न अशआर ख़ास अच्छे लगे:
    सागर जमीं आकाश चाँद सब तुम्हारे नाम है
    दो गज हि सही मेरा भी मकान होना चाहिए

    छोड़ दो मुझको या दे दो कैद सारे उम्र की
    मेरी ग़ज़ल इकबालिया बयान होना चाहिए

    पंछियों के घोंसलों से एक ही आवाज़ है
    बेखोफ उड़ सकें वो आसमान होना चाहिए

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  18. उम्मीदों-उमंगों के दीप जलते रहें
    सपनों के थाल सजते रहें
    नव वर्ष की नव ताल पर
    खुशियों के कदम थिरकते रहें।


    नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं।

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  19. wah...! her she'r umda hai ....bhot khub.....ye bhot pasand aaya..

    होंसले को तुम जो मेरे चाहते हो तोलना
    साथ कश्ती के मेरे तूफ़ान होना चाहिए

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  20. आपकी रचना ने काफी कुछ समेट लिया है
    इसमें बहुत ओज है.
    शुभकामनाएं

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  21. पंछियों के घोंसलों से एक ही आवाज़ है
    बेखोफ उड़ सकें वो आसमान होना चाहिए

    बहुत खूबसूरत गज़ल है ! हर शेर मन की पीड़ा एवं आग को बयान करता है ! बहुत ही सुन्दर ! गज़ल का उन्वान "घंटियों की गूँज में अज़ान होना चाहिये" प्रभावित कर गया !

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  22. आपकी पोस्ट यहाँ भी है……नयी-पुरानी हलचल

    http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/

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  23. बहुत खूबसूरत गज़ल ..


    टूट गयी व्यवस्था, न्याय है बिखरा हुवा
    नया फ़िर से कोई संविधान होना चाहिए


    काश यह हो सके

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  24. पंछियों के घोंसलों से एक ही आवाज़ है
    बेखोफ उड़ सकें वो आसमान होना चाहिए

    इन पंक्तियों ने बहुत प्रभावित किया सर!

    सादर

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  25. बाइबल गीता यहाँ, कुरान होना चाहिए
    जो कोई इनको पढ़े इंसान होना चाहिए
    vyapak soch
    badhai.

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  26. बहुत प्राभावशाली पंक्तियाँ.
    आभार नई पुरानी हलचल. .

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  27. कल 30/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

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  28. पंछियों के घोंसलों से एक ही आवाज़ है
    बेखोफ उड़ सकें वो आसमान होना चाहिए।

    आमीन ! बहुत ही सुन्दर रचना। काश ये सभी आकांक्षाएं फलीभूत हों!

    स्नेह-प्रेम की गंगा धरा पर हो बहती ही सदा,
    रहें सभी हिल-मिलके वो हिन्दुस्तान होना चाहिए।

    सादर,
    मधुरेश

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  29. यशवंत जी का आभार..... इतने बढ़िया गीत को पढ़ने के लिए... बहुत उम्दा

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है