स्वप्न मेरे: छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

शनिवार, 12 दिसंबर 2009

छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

बासी रोटी प्याज़ उसके पास पकड़ा है
सूना सूना दिल मगर उदास पकड़ा है

जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

बस किताबों में ही मिलती हैं मिसालें
बोलो किसने आज़ तक आकाश पकड़ा है

सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है

64 टिप्‍पणियां:

  1. कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    bahut hi khoobsoorat alfaz.......ek satya ko ujagar karti rachna.

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  2. बहुत उम्दा गजल है बधाई स्वीकारें।

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  3. बहुत उम्दा गजल है बधाई स्वीकारें।

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  4. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  5. जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है
    लाजबाब, नासवा साहब !

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  6. कह गए पते की बात । सरलता से । बहुत खूब ।

    बासी रोटी प्याज़ उसके पास पकड़ा है
    सूना सूना दिल मगर उदास पकड़ा है

    सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

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  7. सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

    पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है
    digambar ji , dil jeret liya in panktiyon ne. badhaai.

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  8. कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    बस किताबों में ही मिलती हैं मिसालें
    बोलो किसने आज़ तक आकाश पकड़ा है

    wah....bahut marmsparshi rachna hai...samaj ke prati samvedansheel...badhai

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  9. बासी रोटी प्याज़ उसके पास पकड़ा है
    सूना सूना दिल मगर उदास पकड़ा है

    जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    बेहद उम्दा रचना।

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  10. सरलता और सहजता का अद्भुत सम्मिश्रण बरबस मन को आकृष्ट करता है। चूंकि ग़ज़ल अनुभव पर आधारित है, इसलिए इसमें अद्भुत ताजगी है। इसके एक-एक शे'र लाजवाब हैं।

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  11. बस किताबों में ही मिलती हैं मिसालें
    बोलो किसने आज़ तक आकाश पकड़ा है .

    ****उम्दा शेर!
    ग़ज़ल एक बार फिर समाज के ताने बाने से निकल आई है.


    -पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है

    **यह शेर भी काटक्श है .
    बहुत खूब!

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  12. बड़ी जानदार ग़ज़ल लिखी है ज़नाब आपने
    मज़ा आ गया

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  13. सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है
    jo rashtr apne itihaas ko bhool jata hai vah samapt ho jata hai.
    bhavishy ki deevar itihaas ki neev par hi raki jatee hai.

    rachana sundar hai.kintu ye do panktiyan galat sixa detee hain

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  14. कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    गम्भीर व्यंग्य है!

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  15. यथार्थ में अभाव को बखूबी आपने रखा है ..
    जैसा है , वैसा लिखा ..
    ,,,,,,,,,,, आभार ... ...

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  16. पार वही हुआ जिसके बाजुओं मे दम है सही बात है "जिन खोजा तिन पाइयां ,गहरे पानी पैठ/हौं बौरी डूबन डरी रही किनारे बैठ ।यह बात भी नितान्त सत्य है कि आज की समस्याओं का समाधान लोग हजार साल पहले की किताबों मे ढूंढते है ।टूटी लाठी फ़टे लिवास पर न कोई धारा लगती है न कोई ग्रह अनिष्ट करता है ।बासी रोटी प्याज , दिल सूना मगर उदास ,जेब मे कहानी किस्से ।गरीबी का अच्छा चित्रण ।- ग़रीबी ! कविता कर लो या उपन्यास,लिखलो । ग़रीबी हटाने की बात करने वाले कहते हैं ग़रीबी हट गई, तो लेखक लिखेंगे किस विषय पर?

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  17. naasava ji, kamalkaa likh rahe hai aap bhi . aaj aapke blog ko dekhane ka sanyog bana. badhaee, achchhe lekhan k liye....

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  18. बासी रोटी प्याज़ उसके पास पकड़ा है
    सूना सूना दिल मगर उदास पकड़ा है

    जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है
    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है
    नास्वा जी लाजवाब शेर हैं बहुत अच्छी गज़ल है बधाई

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  19. जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल. लाजवाब शेर और दुरुस्त मीटर.

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  20. सच मे हम गौरवशाली इतिहास को चिपकाये हुये है और डरावने भविष्य से आन्ख चुरा कर वही के वही खडे है

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  21. बासी रोटी प्याज़ उसके पास पकड़ा है....


    aarambh hai prachand....
    gazab ki gazal...

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  22. कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    बहुत ही बढिया रचना....
    कमाल्!

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  23. बहुत उम्दा गजल है बधाई स्वीकारें

    जवाब देंहटाएं
  24. जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है


    KYA BAAT HAI. KYA ANDAAZ HAI.

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  25. पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है
    sahi kaha hai aapne safalta ke liye vishwas ke saath damkham jaruri hai .....

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  26. मेरे ब्लॉग पर आने के लिए और टिपण्णी देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
    "पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है"
    sach kaha aapne!

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  27. सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है
    bahut umda sher hai
    कभी मैंने भी मैंने भी लिखा था
    बहुमंजिली इमारते ,प्रगति ,आत्मनिर्भरता
    क्यों कर नकारे
    और कब तक मुड़कर सिर्फ
    कुतुबमीनार निहारे ?

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  28. बासी रोटी प्याज़ उसके पास पकड़ा है
    सूना सूना दिल मगर उदास पकड़ा है
    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है
    --वाह कमाल का व्यंग्य है।
    इन्हीं दो शेरों की तारीफ करना गज़ल को कम आंकना है
    पूरी गज़ल बेहतरीन बन पड़ी है।
    मेरी बधाई स्वीकार करें।

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  29. कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    हर पंक्ति बेहतरीन, हर शेर लाजवाब और पूरी रचना अनमोल, शुभकामनाएं व बधाई इतनी सुन्‍दर प्रस्‍तुति के लिये ।

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  30. सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

    पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है

    har pankti lajawaab hai...waise bhi aapki rachnao ki tareef karna suraj ko diya dikhana hai. bahut sunder prastuti hai. badhayi.

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  31. पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है

    वि‍श्‍वास करने वालों का अच्‍छा मखौल उड़ाया है बधाई।

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  32. जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    उम्दा गजल की मर्मस्पर्शी ---पंक्तियां---
    हेमन्त कुमार

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  33. सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

    पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है

    पूरी ग़ज़ल ही सुन्दर है मगर यह पंक्तियाँ हम लोगों पर खरी उतरती हैं.

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  34. Aisee rachnape kuchh comment karne kee qabiliyat nahee rakhtee...khamosh hun!

    Bikhare Sitare ka saransh likh diya hai!Achha sujhav tha!Dhanywad!

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  35. भावों को इतनी सुंदरता से शब्दों में पिरोया है
    सुंदर रचना....

    Sanjay kumar
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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  36. एक बेहतरीन रचना एक आम भारतीय की मनोदशा की दर्शाती अंतर्मन में कंपन पैदा करने वाली एक बेहतरीन रचना

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  37. जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    umda

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  38. हम तो बासी रोटी प्याज़ पर कुर्बान हो गये ।

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  39. aap bhi kamaal ka likh rahe hai..vah.. aanand aa gayaa. aisee damdaar -dhardar rachnaye dekh lo to man prafullit ho jata hai. badhai.

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  40. जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

    hamaari sabhyataa,,saskriti,, aur hamaare samaaj ki paristhitiyoN ko aaeena dikhaati huee nayaab rachnaa ...
    Digambhar bhaaee...
    aapki lekhni ko naman kehta hooN .

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  41. कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है

    shandar .....!!

    जेब में थे क़हक़हे, किस्से, कहानी
    होठों पर महका हुवा परिहास पकड़ा है

    शुक्र है चेहरे पे कहीं दर्द नहीं पकड़ा आपने .....!!

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  42. बड़ी जानदार ग़ज़ल लिखी है ज़नाब आपने
    मज़ा आ गया

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  43. सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है
    वाह ।

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  44. bas yahi kahunga ki KAMAAL he aap/
    jabardast lekhan.
    सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है
    harivansh raiji ki ek kavita ki chand line yaad aa rahi he ki
    'purano, purani kaho nai suno.
    nayo nahi kaho purani suno..'
    itihas pakadna hi sabhyata ka ant he.., bahut achhi panktiya likhi he aapne.

    पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है

    nasavaji, thoda saa yanha tokunga-
    aalochna nahi bas khatka jo vo likh rahaa hu ki
    दम है जिसकी बाज़ुओं में ...yah bhi ek tarah ka vishvaas he, vishvaas par hi nirbhar he, mujhe lagtaa he ki vishvaas rakhna hi jeet ke kareeb hona he. kabhi kabhi sirf vishvaas ke bal par ham vo kaam kar jaate he jisake baare me kabhi sochte bhi nahi. kher..sher masha allah bemisaal he..aour ham to aapke deevane he hi..so mazaa aayaa.

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  45. बाजुओं में दम के साथ विश्वास तो बहुत ज़रूरी है ,सुंदर रचना ।

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  46. बस किताबों में ही मिलती हैं मिसालें
    बोलो किसने आज़ तक आकाश पकड़ा है

    बहुत खूब ..बहुत पसंद आई आपकी यह गजल शुक्रिया

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  47. बहुत बेहतरीन ग़ज़ल दिगंबर जी
    हर एक शेर उम्दा है ये में फैसला नहीं कर पाया कौनसा शेर ज्यादा अच्छा है |
    बहुत -२ आभार ......................

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  48. हर बार कुछ ना कुछ खास बातें होती है आपकी ग़ज़लों में और वो भी हर एक पंक्ति एक नया और सुंदर भावनाओं का एहसास करता है...यह ग़ज़ल भी बहुत अच्छी लगी...

    दिगंबर जी बहुत सुंदर बात कही आपने आज आदमी इतिहास की बिना मतलब की बातों में इस कदर उलझा है की उसे वर्तमान और आगे की बात सोचने की फ़ुर्सत ही नही मिलती..यही वो जगह है जहाँ से उसके विकास का ग्राफ गिरने लगता है..

    आपकी ग़ज़ल दिल छू गई...बधाई हो

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  49. बस किताबों में ही मिलती हैं मिसालें
    बोलो किसने आज़ तक आकाश पकड़ा है
    dil bhi kitna sada hai,
    zmeen pe rah ke asmaan chhoone ka irada hai.

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  50. पार है वो दम है जिसकी बाज़ुओं में
    वो नही जिसने फकत विश्वास पकड़ा है
    baasi roti ,pyaj wali line bahut hi behtrin ,poori rachna shaandaar

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  51. बहुत उम्दा गजल है बधाई स्वीकारें।

    नए तेवर की ग़ज़ल.....नए प्रयोग वाकई बहुत अच्छा......!

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  52. छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है.......
    ग़ज़ल को बहुत ही खूबसूरती से पकड़ा है
    मुबारकबाद

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  53. आदरणीय दिगंबर जी
    मैंने आज आप का पूरा ब्लॉग पढ़ा हर एक रचना बेहतरीन है लाजबाब है
    आपकी इस बेहतरीन लेखाकारी के लिए दिल से बहुत -२ बधाइयाँ ....................

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  54. May everythng you've wished for
    And all u ve in mind
    combine to make this b'day
    The warm and special knd.
    May all ur frends surrond you
    To show how much they care
    For you deserve the best in life
    Cos you have a warmth thts rare
    May ur heart be filled wth joy
    May all ur dreams cme true
    and may the year tht follows
    BE PERFECT JUST LIKE YOU .

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  55. Wish u a very happy, colourful, sparking and lovely b'day...

    Keep blogging and keep writing, may ur writings reach to every1 around................

    Happy b'day

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  56. मकते ने पता नहीं क्यूँ उतना प्रभावित नहीं किया,
    ऐसा लगा मानो पूरी ग़ज़ल लिखने के बाद ये लिखा गया हो.


    कौन सी धारा लगेगी तुम बताओ
    टूटी लाठी, फटा हुवा लिबास पकड़ा है.


    depend करता है की पहुँच कहा तक है?

    सभ्यता कैसे वो आगे बढ़ सकेगी
    छोड़ कर भविष्य को इतिहास पकड़ा है

    सबसे बेह्तेरी शे'र
    कहते हैं की साहित्यकार वही होता है जिसको की उस वक्त के जन नहीं समझ पाते पर कुछ सालों बाद वही चीज़ें लेखन से उतारकर वास्तविकता में आ जाती है,
    तो इसलिए बेशक हमें भूत काल को देखना पढना चाहिए पर भविष्य के लिए सीख लेने के लिए. इस शेर से 'PS i love you' का (कथित) दर्शन याद हो आता है.

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है