स्वप्न मेरे: शाम, श्याम ...

मंगलवार, 25 सितंबर 2012

शाम, श्याम ...


छोटी बहर की गज़लों के क्रम में छोटी से छोटी बहर में कुछ कहने का प्रयोग किया है ... आशा है आपको पसंद आएगा ... 

शाम  
श्याम  

जप लो  
नाम  

बोल  
राम   

तू ही  
धाम  

सुर को  
थाम  

खोल   
जाम  

क्या है  
काम  

(गुरुदेव पंकज जी के आशीर्वाद से) 

79 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लेखनी का जवाब नहीं ... नि:शब्‍द कर दिया आपने ... आभार

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  2. अब कहाँ जाइयेगा |
    दो वर्णों तक आ गए-
    छोटी छोटी और छोटी-
    जवाब नहीं आपका |
    मैं
    वो
    तू
    ने
    बू
    ने
    थू
    ने
    खूं
    ने
    पूरा कीजिये-

    जवाब देंहटाएं
  3. अब इससे छोटी बहर क्या होगी ? श्याम राम के साथ जाम ....

    जवाब देंहटाएं
  4. namaskaar digambar ji
    bahut khoob .....yah sikhne walo ke liye bahut accha prayog kiya hai aapne tukanat ka behatarin umda prayoh , badhai aapko , aapko kal anubhuti me dekhkar bhi anandit prateet hua

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत बढ़िया ...श्याम राम के साथ जाम ....

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  6. उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवार के चर्चा मंच पर ।।

    जवाब देंहटाएं
  7. वाह बहुत बढ़िया..श्याम राम के साथ जाम ....

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  8. नर
    मन
    कर
    रच
    सब
    जग
    कर
    छल
    बल
    उड़
    नभ
    तक
    हर
    तम

    जवाब देंहटाएं
  9. अनोखा प्रयोग.......
    राम
    श्याम
    और
    जाम?

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  10. शदों के बीच निहित भाव इस रचना को अद्भुत बना रहे हैं।

    जवाब देंहटाएं
  11. बचपन में कक्षा पहली में पढ़ा करते थे जिसका उल्लेख श्री राहुल कुमार सिंह सिहावलोकन के सृजन करता ने अपने प्रारंभिक ब्लॉग
    बाल-भारती में लिखित पाठ की याद दिला दी , नल ,पर ,जल ,भर,जल ,भर , कर , रख, और इधर , बदक, मगर ,इधर .

    जवाब देंहटाएं
  12. वाह वाह|||
    सचमुच कम शब्दों में बेहतरीन रचना..
    शानदार....
    :-)

    जवाब देंहटाएं
  13. बचपन में कक्षा पहली में पढ़ा करते थे जिसका उल्लेख श्री राहुल कुमार सिंह सिहावलोकन के सृजन करता ने अपने प्रारंभिक ब्लॉग
    बाल-भारती में लिखित पाठ की याद दिला दी , नल ,पर ,जल ,भर,जल ,भर , कर , रख, और इधर , बदक, मगर ,इधर .

    जवाब देंहटाएं
  14. कम शब्दों में...गहरी बात...सुन्दर शैली...

    जवाब देंहटाएं
  15. :-)
    बढ़िया है सर....
    पाठकों की रचनात्मकता को हिलोर देते हैं आप....

    बहुत खूब!!!

    सादर
    अनु

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  16. भाई दिगंबर नासवा जी! इससे छोटी बहर मेरे खयाल में कोई सार्थक ग़ज़ल नहीं हो सकती. इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया जाना चाहिए.

    जवाब देंहटाएं
  17. अति उत्तम , छोटा पर धारदार

    जवाब देंहटाएं
  18. शाम
    श्याम

    जप लो
    नाम

    बोल
    राम

    तू ही
    धाम

    सुर को
    थाम

    खोल
    जाम

    क्या है
    काम

    सुबहो शाम ,

    कर सलाम

    दिल को थाम,

    बन गुलाम .

    सुर को साध ,

    कर प्रणाम .

    बढ़िया बंदिश है भाई साहब .बधाई .एकाक्षरी पर कब आओगे .

    ,
    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ

    मंगलवार, 25 सितम्बर 2012
    आधे सच का आधा झूठ

    ,

    जवाब देंहटाएं
  19. आज ही देख रहा हूँ आपके ये नए प्रयोग वाली गज़लें....बहुत ज्यादा पसंद आई मुझे...

    जवाब देंहटाएं
  20. .

    राम
    राम
    ताम
    झाम

    वाह
    वाह

    बहुत खूब दिगंबर नासवा जी !


    हुज़ूर आपसे प्रेरणा पा'कर हम भी अपनी एक ग़ज़ल अर्ज़ कर रहे हैं -
    समाद फ़रमाएं-

    आ !

    जा !

    नाऽऽ

    गा !

    क्या ?

    साऽऽ

    धाऽऽ

    पा…

    मा…!

    वाऽऽ !

    ताऽ…

    था …

    धा !

    छाऽऽ… !

    ला !

    खा !

    य्याऽऽ… !

    हाऽऽ…

    हाऽऽऽ…!



    टा
    टाऽऽऽ…
    :)
    मंगलकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  21. वाह सर वाह आपका कोई जवाब नहीं हर बार कुछ नया पेश करते हैं.

    जवाब देंहटाएं
  22. देख लीजिए कई कवियों ने और भी छोटी बहरें दे दी हैं. प्रताप आपका. छोटी बहर का अपना कमाल होता है.

    जवाब देंहटाएं
  23. सच जब कोई काम ही नहीं तो राम श्याम नाम का जप से कहाँ काम चलने वाला फिर तो जाम ही दिखता है ..
    कम शब्दों में बहुत कुछ छुपाया है आपने ...बहुत खूब!

    जवाब देंहटाएं
  24. देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर वाली बात | सुंदर |
    मेरी नई पोस्ट:-
    ♥♥*चाहो मुझे इतना*♥♥

    जवाब देंहटाएं
  25. पिछली वाली ज्यादा बेहतर थी।

    जवाब देंहटाएं
  26. कम शब्दों में लिखी बहुत सारी बात... आभार

    जवाब देंहटाएं
  27. apki ye post gagar me sagar jaise hai


    Meri next post in HINDI

    KYUN???

    please read it

    जवाब देंहटाएं
  28. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  29. यहाँ शब्दों और विचारों का भंडार मिला ....
    मूल पोस्ट और टिप्पणी के रूप में ...आभार

    जवाब देंहटाएं
  30. बहुत सुंदर । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  31. कविता के किसी नए वाद का प्रारम्भ है शायद जिसमें शब्द और फिर वर्ण उत्तरोत्तर अदृश्य ही होने वाले हैं ।

    जवाब देंहटाएं
  32. गज़ब भाई...बहुते नन्हीं बहर है.. :)

    जवाब देंहटाएं
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    जवाब देंहटाएं
  36. वाह बहुत सुंदर ;;;;;
    राम नाम के नाम का जाम भर लिया |
    जीने का मज़ा अपना दुगना कर लिया |

    जवाब देंहटाएं
  37. कमाल है , बढ़िया जा रहे हैं हुज़ूर !

    जवाब देंहटाएं
  38. वाह कम शब्दों मे बडी बडी बातें । हमारे एक परिचित थे जो जाम चठाने के बाद गीता पर प्रवचन देने लगते थे । वही याद आ गया राम शाम जाम पछ कर ।

    जवाब देंहटाएं
  39. ख़ास आप!
    मैं आम!

    बाऊ जी, नमस्ते!

    --
    ए फीलिंग कॉल्ड.....

    जवाब देंहटाएं
  40. दीपोत्सव पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ!

    जवाब देंहटाएं



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  44. अब इतने लोगो ने अच्छा कह दिया तो मैँ कैसे खराब कह सकता हुँ ।

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  45. सुंदर रचना ...:)शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं

आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है