स्वप्न मेरे: माँ ...

सोमवार, 3 दिसंबर 2012

माँ ...


पिछला कुछ समय शायद जीवन के सबसे कठिन दौर की तरह बीता है. अचानक ही २५ सितम्बर को मेरी माता जी का स्वर्गवास हो गया जिसके लिए मैं तैयार नहीं था. शायद ये ऐसा आघात है जिसके लिए इंसान कभी भी तैयार नहीं होता ... पर नियति कुछ ऐसी है की सहना पड़ता है.
सच कहूं तो मन अभी भी इस बात को मान नहीं रहा, लगता है जैसे एक खराब सपना था जिसे याद करने का भी मन नहीं होता. सोते, जागते, सोचते हुवे जब भी माँ को सोचता हूं ... उनसे उसी तरह से बात करता हुवा महसूस करता हूं जैसे पहले करता था ...    





सब कह रहे थे तू नहीं रही
पर तू तो वहीं थी 
मुस्कुराती हुई  

मैं रो रहा था ...
तू बोली रो क्यूँ रहा है 

इस कमरे में जाता तो दूसरे कमरे में टहलने लगती
वहाँ जाता तो इस कमरे में आ जाती

जब कोई कंधा देता  
तू बोल पड़ती
थक गया क्या ... चल कंधा दे 
कंधा देता तो बोलती “ज्यादा देर मत उठा थक जाएगा”

लकड़ी लगाते हुवे भी तू पास ही थी
कान में बुदबुदाई
कोई बात नहीं मुंह पे भी रख मोटी लकड़ी
शरीर है पूरा जलना जरूरी है

तू हर किसी के साथ नज़र आ रही थी  
उस वक्त भी
जब पूरी बिरादरी तिनका तोड़ के तेरे साथ
इस लोक का सम्बन्ध तोड़ रही थी

हमेशा की तरह मुस्कुराते हुवे  
तू कान में धीरे से बोली 

क्या तिनका तोड़ने से सम्बन्ध टूट जाते हैं ...?


67 टिप्‍पणियां:

  1. इसे एक बुरा संयोग कहेंगे 27 सितम्बर को मैंने भी अपने बेहद करीब बुआ जी को खोया वो मेरे साथ ही रहती थी . एक माँ का जाना ...एक बच्चे को हमेशा भारी पड़ता है

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  2. दुःख हुआ जानकार नासवा साहब ! आपकी पीड़ा समझ सकते है ! भगवान् उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे ! इनफैकट मैं बीच में एक बार आपके ब्लॉग पर टिपण्णी भी करने वाला था यह पूछने के लिए की आप अचानक कहा चले गए !

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  3. बेहद दुखद सूचना है जिसे सुनकर ह्रदय भावुक हो उठा है माँ के बिना रहना कितना कठिन होता है मैं अच्छे से जानता हूँ, भगवान् आपको सेहन शक्ति और माँ जी की आत्मा को शांति प्रदान करें।

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  4. Shayad mai apni maa kee maut ke liye taiyyar hun...kah nahee saktee, lekin apni dai kee maut ke liye hargiz nahee thee...jab ki wo 97 saalk then.
    Rachana padhke aankh bhar aayee...eeshwar aapko shakti de.

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  5. ईश्वर आप को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे,हमारी ओर से उन्हें श्रद्धा सुमन .
    माँ अब भी आप के साथ हमेशा ही रहेगी.आप ही ने कहा न कि तिनका तोड़ने से संबंध नहीं टूटते.जीवन की डोर तिनका समान ही है .
    माँ से तो आजीवन आत्मा का रिश्ता बना रहेगा .

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  6. निश्चित रूप से ये बेहद दु:खद क्षण रहे हैं आपके जीवन के माँ को खोकर भी हर क्षण मन उनके साथ रहता है ... रचना पढ़कर मन बेहद भावुक हुआ
    क्या तिनका तोड़ने से सम्बन्ध टूट जाते हैं ...? सच तो यही है
    माँ के लिये विनम्र श्रद्धांजलि ...
    सादर


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  7. ईश्वर आपको इस दुख की घड़ी को सहने की शक्ति दे ...माँ के जाने के बाद वो खालीपन ..जैसे दिल को कचोटता है ..ये भी तो लगता है ..वो छाया ...वो दुआओं से भरी नजर ..अब आसमानी हो गयी है ...फिर वो अपनी यादों का खज़ाना भी तो है ...आपकी पीड़ा समझ सकते हैं ...

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  8. बहुत अफ़सोस हुआ जान कर , पर देखिये माँ कभी दूर नहीं होती बच्चों से तो वे कहाँ है आपसे दूर .....
    आपने सही कहा तिनके तोड़ देने से रिश्ते कहाँ टूटते है ....ईश्वर उनको अपने चरणों में जगह दे और आत्मा को शांति दे ....

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  9. अभी मैने भी अपने पिता जी को खोया है
    आपकी पीडा समझ सकता हू.

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  10. बहुत दुखद है यह ...माँ का जाना बहुत बड़ी हानि है ज़िन्दगी की ...

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  11. बेहद दुखद ...माँ की क्षति को कोई पूरा नहीं कर सकता. पर वह कहीं नहीं जातीं हमेशा रहतीं हैं हमारे ही आस पास.

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  12. माँ का जाना - अनाथ हो जाना . सारी दुनियां साथ रहे लेकिन वो माँ का सिर पर रखा हुआ हाथ - कभी कभी वैसे ही अहसास देगा . लेकिन माँ एक बार मिलती है और जाती है तो फिर भी आत्मा से हमारे साथ होती है। माँ को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि और ईश्वर आपको इस सत्य से लड़ने की शक्ति प्रदान करे

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  13. दुखद .... माँ हर पल साथ रहती है ...शायद जाने के बाद भी ...
    क्या तिनका तोड़ने से सम्बन्ध टूट जाते हैं ...?
    बस यह एक प्रतीकात्मक रूप है .... मन के संबंध कभी नहीं टूटते .... माँ को श्रद्धांजलि ....

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  14. माँ से बतियाती ,दुलराती ,पुकारती आर्त नाद करती प्रगाढ़ अनुभूतियों से संसिक्त ,सभी को तदानुभूति कराती सशक्त बताचात माँ के साथ कैसे कह दूं -

    तू अब दीवार पे टंगे फ्रेम में है जब कि मैं हूँ हर दम तेरी ही छाया में पल प्रति पल .

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  15. माँ से बतियाती ,दुलराती ,पुकारती आर्त नाद करती प्रगाढ़ अनुभूतियों से संसिक्त ,सभी को तदानुभूति कराती सशक्त बताचात माँ के साथ कैसे कह दूं -

    तू अब दीवार पे टंगे फ्रेम में है जब कि मैं हूँ हर दम तेरी ही छाया में पल प्रति पल .

    जीवन के घटित वियोग का ,माँ की आवाज़ में यह एहसास कराना मैं ज़िंदा हूँ ......मन की पीड़ा को मार्मिकता देती है माँ -क्या तू भी तोड़ेगा तिनका ....माँ का अपना पन .....दर्द समय के साथ पकता है .ऊपर घाव दिखाई न दे अन्दर अन्दर पकता रहे .....माँ कभी बूढी नहीं होती ...माँ को कभी मरना नहीं चाहि

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  16. माँ से बतियाती ,दुलराती ,पुकारती आर्त नाद करती प्रगाढ़ अनुभूतियों से संसिक्त ,सभी को तदानुभूति कराती सशक्त बताचात माँ के साथ कैसे कह दूं -

    तू अब दीवार पे टंगे फ्रेम में है जब कि मैं हूँ हर दम तेरी ही छाया में पल प्रति पल .

    जीवन के घटित वियोग का ,माँ की आवाज़ में यह एहसास कराना मैं ज़िंदा हूँ ......मन की पीड़ा को मार्मिकता देती है माँ -क्या तू भी तोड़ेगा तिनका ....माँ का अपना पन .....दर्द समय के साथ पकता है .ऊपर घाव दिखाई न दे अन्दर अन्दर पकता रहे .....माँ कभी बूढी नहीं होती ...माँ को कभी मरना नहीं चाहि

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  17. माँ से बतियाती ,दुलराती ,पुकारती आर्त नाद करती प्रगाढ़ अनुभूतियों से संसिक्त ,सभी को तदानुभूति कराती सशक्त बताचात माँ के साथ कैसे कह दूं -

    तू अब दीवार पे टंगे फ्रेम में है जब कि मैं हूँ हर दम तेरी ही छाया में पल प्रति पल .

    जीवन के घटित वियोग का ,माँ की आवाज़ में यह एहसास कराना मैं ज़िंदा हूँ ......मन की पीड़ा को मार्मिकता देती है माँ -क्या तू भी तोड़ेगा तिनका ....माँ का अपना पन .....दर्द समय के साथ पकता है .ऊपर घाव दिखाई न दे अन्दर अन्दर पकता रहे .....माँ कभी बूढी नहीं होती ...माँ को कभी मरना नहीं चाहि

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  18. बेहद दुखद क्षण होते हैं ये, दिमाग और दिल दोनों अलग-अलग प्रतिक्रिया करने लगते हैं, माँ हमें छोड़ के कहाँ जा सकती हैं, हमेशा हमारी साथ होती हैं हमारी यादों में, बातों में हर पल साथ होती हैं...

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  19. माँ को सादर नमन कर, दूँ श्रद्धांजलि मित्र ।

    असमय घटनाएं करें, हालत बड़ी विचित्र ।

    हालत बड़ी विचित्र, दिगम्बर सहनशक्ति दे ।

    पाय आत्मा शान्ति, उसे अनुरक्ति भक्ति दे ।

    बुद्धिमान हैं आप, सँभालो खुद को रविकर ।

    रहा सदा आशीष, नमन कर माँ को सादर ।।

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  20. माँ को खो देना ,लगता है जैसे सबने जबरन पकड़ कर बड़ा बना दिया .... बचपन सदैव के लिए खो जाता है .... वैसे माँ जा के भी बच्चों के पास से कभी जा नही पाती बस हम उनको देख नहीं पाते है .....

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  21. क्या तिनका तोड़ने से सम्बन्ध टूट जाते हैं ...?

    कभी नहीं ………इस दर्द को समझ सकती हूँ क्योंकि आज का दिन मेरी ज़िन्दगी मे यही दर्द लेके आया है।

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  22. आदरणीया आंटी जी को हार्दिक श्रद्धांजलि ।
    ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको एवं आपके परिवार को इस असीम सुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।

    सादर

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  23. आपको इतने दिनों तक अनुपस्थित पाकर हम भी चिंतित हो रहे थे।
    मात पिता को खोना सचमुच अनाथ सा कर जाता है। उनकी कमी हमेशा खलती है। लेकिन जगत की रीति है, सहन करना ही पड़ता है।
    भगवन आपको शक्ति दे।

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  24. उफ़फ्फ़ ! भगवान किसी को ये दिन ना दिखाए... :(
    ईश्वर आपको ये दुख सहने की शक्ति दे!
    My Heartfelt Condolences to You & Your Family!
    With You in Grief...
    ~सादर!!!

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  25. किसी अनहोनी की आशंका तो मन में थी ....
    पर ऐसी न थी !
    भगवन उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को दुःख सहने की शक्ति ....

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  26. दुःख हुआ माँ के निधन का ,,पर आपकी रचना दिल के कोने कोने तक पहुची

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  27. ब्लॉग पर आपकी अनुपस्थिति किसी आशंका की सूचना दे रही थी...माँ को खोना बहुत दुखदायी है, धैर्य रखें...उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि !!

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  28. क्या तिनका तोड़ने से सम्बन्ध टूट जाते हैं ...?

    ..आपने तो रूला दिया नासवा साहब! पिता के जाने का दर्द तो सिद्दत से महसूस कराया जमाने ने लेकिन पता नहीं क्यों, आज पाँच वर्ष होने को आए माँ को गये हुए लेकिन एक पल के लिए भी नहीं लगा कि माँ नहीं हैं! मानता हूँ आपकी बात.. माँ कहीं नहीं जातीं.. पास ही हैं आपके..सदा रहेंगी। तिनका तोड़ने से संबंध टूट नहीं जाते।

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  29. आपकी पीढ़ा समझ सकती हूँ...
    बहुत दुखद है...ईश्वर आपको धैर्य और शक्ति दें यही कामना कर सकती हूँ.
    माँ को श्रद्धासुमन.

    सादर
    अनु

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  30. बेहद दुखद, हमारी संवेदनाएं आपके साथ हैं
    माँ सचमुच कहीं नहीं गयी, आपके आस-पास ही है
    माँ को नमन

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  31. ब्लॉग पर बहुत दिनों से अनुपस्थित पाकर मै चिंतित थी !
    माँ को श्रद्धांजली ....इस दुःख को सहने की शक्ति दे इश्वर आपको !

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  32. दुखद जानकारी, भगवान् उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे,,,,

    recent post: बात न करो,

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  33. दिगंबर जी, आपकी माता जी के निधन के विषय में जान कर बेहद अफ़सोस हुआ ..ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व ऐसी कठिन घड़ी में ईश्वर आपको मन कि शांति व स्थिरता प्रदान करें ,,यही प्रार्थना है.

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  34. माँ का जाना हर किसी के लिए दुखद होता है, इस दुःख का सामना करके का संबल इश्वर आपको दे... हमारी संवेदनाएं आपके साथ हैं...
    माता जी को विनम्र श्रद्धांजलि

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  35. क्या तिनका तोड़ने से सम्बन्ध टूट जाते हैं ...?

    मार्मिक


    ईश्वर आपको दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे

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  36. ईश्वर आपको यह महतदुख सहने की शक्ति दे..

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  37. तिनका तोड़ने से क्या सम्बन्ध टूट जाते हैं ...
    ये अटूट रिश्ते कभी नहीं टूटते , साथ होने पर भी , दूर होने पर भी !
    माँ स्मृतियों में हमेशा साथ ही होंगी !
    नमन !

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  38. may god help u and my naman to your mother may her soul rest in peace

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  39. आदरणीया आंटी जी को हार्दिक श्रद्धांजलि ।
    ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको एवं आपके परिवार को इस असीम दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।

    (पिच्छलि टिप्पणी गलत हो गयी थी सर माफी चाहता हूँ)

    सादर

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  40. बड़े दुख की बात है. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.

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  41. आपकी माताजी के निधन पर मेरी व मेरे परिवार की ओर से
    संवेदना. प्रभु आपको व आपके परिवार को,इस दुख को सहने
    के लिये साहस दें.

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  42. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और आप सबों को उनका बिछोह सहने की शक्ति प्रदान करे.

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  43. हमारे शरीर का निर्माण माता-पिता के रक्‍त से हुआ है। माँ तो अपना पूरा दिल और दिमाग भी बच्‍चे के लालन-पालन में लगा देती है। इसलिए उसका बिछुड़ना ऐसा लगता है जैसे हमारे शरीर का कोई हिस्‍सा हमसे अलग हो गया है। यह ऐसी कसक है जो कभी नहीं जाती। आप उनके संस्‍कारों का हमेशा स्‍मरण रख सकें मेरी यही प्रभु से प्रार्थना है।

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  44. मित्र धरती पर माँ ही तो ईश्वर का रूप है |ईश्वर आपको संबल दे |

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  45. पिता तो ब्रह्मा स्वरुप समझा जाता है लेकिन माँ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों रूप विद्यमान होते हैं, तभी तो वह माँ है! ...माँ जैसा दूसरा इस संसार में कोई नहीं .....माँ-बाप की कमी सबको बहुत से अवसरों पर बहुत खलती हैं ....लेकिन उस ऊपर वाले की मर्जी के आगे हम सभी असहाय हैं .....ईश्वर आपको इस भारी दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें ...माँ को मेरी और से श्रद्धा सुमन ...
    .

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  46. बहुत ही दुखदायी समाचार. माँ को मेरा भी नमन.

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  47. ये बेहद दु:खद क्षण रहे हैं आपके जीवन के
    माँ के लिये विनम्र श्रद्धांजलि ...!

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  48. माँ कह रही थी बेटा -तू भी तिनका तोड़ेगा .आप उबर आयें हैं उस घटित से जीवन के जो यूं सबके साथ घटित होता है लेकिन ....अनुभूतियाँ सब की जुदा रहतीं हैं .शुक्रिया नासवा साहब आपकी टिपण्णी का .लिखो खूब लिखो याद करो वो बीते पल माँ की सानिद्य के .

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  49. दुख हुआ जानकर।
    विनम्र श्रद्धांजलि।

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  50. bhagvan unki aatma ko shanti de aur parivar ko dukh sahne ki shakti de.

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  51. आभार मित्र |कुछ नया लिखिए ,कुछ नया रचिए ,माँ की ममता को कविताओं में जीवंत बनाइये |
    नये घर में पुराने एक दो आले तो रहने दो
    दिया बनकर हमेशा माँ वहीँ से रौशनी देगी
    ये सूखी घास अपने लान की काटो न तुम भाई
    पिता की याद आयेगी तो ये फिर से नमी देगी
    मैं अशआर आपको ताकत और संबल दें |

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  52. जीवन के सब से कठिन समय में से आप ग़ुज़रे हैं. माँ जैसा प्राकृतिक उपहार दुनिया में कोई नहीं. माँ को नमन.

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  53. माँ ,,,,,शब्दों में रहकर भी शब्दों से परे होती हैं ............होती हैं न ........और जीवन से परे होकर जीवन में ही रहती हैं ..........रहती हैं न ....................हैं माँ तुझे प्रणाम ...............

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  54. .
    .
    .
    माँ जी को विनम्र श्रद्धाँजलि...


    ...

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  55. विनम्र श्रद्धांजलि नासवा जी!

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  56. जब ये शरीर साँसों से जुदा हो जाए तब शायद कोई सम्बन्ध टूट जाए . या शायद तब भी नहीं.. और माँ हमारी रगों में रहती है .

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  57. माता का पुत्र से संबंध कभी टूट सकता है क्या?
    अधिक दुख करने से उन्हें कष्ट होता होगा.उनके स्नेह की सँजोई हुई स्मृतियाँ हीं मन को थिर करेंगी! .

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  58. मां के जाने से बचपन भी गुम हो जाता है।
    विनम्र श्रद्धांजलि।

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है