स्वप्न मेरे: वेश वाणी भेद तज कर हो तिरंगा सर्वदा ...

सोमवार, 15 अगस्त 2016

वेश वाणी भेद तज कर हो तिरंगा सर्वदा ...

सभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ...

लक्ष्य पर दृष्टि अटल अंतस हठीला चाहिए
शेष हो साहस सतत यह पथ लचीला चाहिए

हों भला अवरोध चाहे राह में बाधाएं हों
आत्मा एकाग्र चिंतन तन गठीला चाहिए

मुक्त पंछी, मुक्त मन, हों मुक्त आशाएं सभी
मुक्त हो धरती पवन आकाश नीला चाहिए

पीत सरसों, पीत चन्दन, खिल उठे सूरजमुखी
लहलहाता खेत हो परिधान पीला चाहिए

प्रेम निश्छल नैन पुलकित संतुलित सा आचरण
स्वप्न सत-रंगी सरल यौवन सजीला चाहिए

वेश वाणी भेद तज कर हो तिरंगा सर्वदा
चिर विजय की कामना हो कृष्ण लीला चाहिए  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है