स्वप्न मेरे: जुलाई 2019

सोमवार, 22 जुलाई 2019

आशा का घोड़ा ...

 आशा की आहट का घोड़ा
सरपट दौड़ रहा

सुखमय जीवन-हार मिला
साँसों में महका स्पंदन
मधुमय यौवन भार खिला
नयनों में सागर सनेह का
सपने जोड़ रहा 

सरपट दौड़ रहा ...

खिली धूप मधुमास नया
खुले गगन में हल्की हल्की
वर्षा का आभास नया
मन अकुलाया हरी घास पर
झटपट पौड़ रहा
सरपट दौड़ रहा ...


सागर लहरों को बहना है
पृथ्वी को भी कर्म पथिक-सा
इसी तरह चलते रहना है
कौन चितेरा नवल सृष्टि से
राहें मोड़ रहा 

सरपट दौड़ रहा ...

सोमवार, 15 जुलाई 2019

मेघ हैं आकाश में कितने घने ...

मेघ हैं आकाश में कितने घने
लौट कर आए हैं घर में सब जने  

चिर प्रतीक्षा बारिशों की हो रही   
बूँद अब तक बादलों में सो रही
हैं हवा में कागजों की कत-रने
मेघ हैं आकाश में ...

कुछ कमी सी है सुबह से धूप में
आसमां पीला हुआ है धूल में  
रेड़ियाँ लौटी घरों को अन-मने
मेघ हैं आकाश में ...

नगर पथ पल भर में सूना हो गया
वायु का आवेग दूना हो गया
रह गए बस पेड़ के सूखे तने
मेघ हैं आकाश में ...

दिन में जैसे रात का आभास है
पहली बारिश का नया एहसास है
मुक्त हो चातक लगे हैं चीखने
मेघ हैं आकाश में ...

चाय भी तैयार है गरमा-गरम
उफ़ जलेबी हाय क्या नरमा-नरम
मिर्च आलू के पकोड़े भी बने
हैं आकाश में ...

सोमवार, 8 जुलाई 2019

बिन पैरों चलती बातें

आँखों से निकली बातें
यहाँ  वहाँ बिखरी बातें

अफवाहें, झूठी, सच्ची 
फ़ैल गईं कितनी बातें

मुंह से निकली खैर नही  
जितने  मुंह उतनी बातें 

फिरती हैं आवारा सी
कुछ बस्ती ,बस्ती बातें  

बातों को जो ले बैठा 
सुलझें ना उसकी बातें 

जीवन, मृत्यू, सब किस्मत
बाकी बस रहती बातें  

कानों, कानों, फुस, फुस, फुस
बिन पैरों चलती बातें  

सोमवार, 1 जुलाई 2019

कौन मेरे सपनों में आ के रहता है ...


कौन मेरे सपनों में आ के रहता है
जिस्म किसी भट्टी सा हरदम दहता है

यादों की झुरमुट से धुंधला धुंधला सा
दूर नज़र आता है साया पतला सा  
याद नहीं आता पर कुछ कुछ कहता है
कौन मेरे सपनों ...

बादल होते है काले से दूर कहीं 
रीता रीता मन होता है पास वहीं
आँखों से खारा सा कुछ कुछ बहता है
कौन मेरे सपनों ...

घाव कहीं होता है सीने में गहरा
होता है तब्दील दिवारों में चेहरा
जर्जर सा इक पेड़ कहीं फिर ढहता है
कौन मेरे सपनों ...

दर्द सुनाई देता हैं इन साँसों में
टूटन सी होती है फिर से बाहों में
जिस्म बड़ी शिद्दत से गम को सहता है
कौन मेरे सपनों ...