यूँ ही मुझको सता रही हो क्या
तुम कहीं रूठ कर चली हो क्या
उसकी यादें हैं पूछती अक्सर
मुझसे मिलकर उदास भी हो क्या
मुद्दतों से तलाश है जारी
ज़िन्दगी मुझसे अजनबी हो क्या
वक़्त ने पूछ ही लिया मुझसे
बूढ़े बापू की तुम छड़ी हो क्या
तुमको महसूस कर रहा हूँ मैं
माँ कहीं आस पास ही हो क्या
दर्द से पूछने लगी खुशियाँ
एक लम्हा था अब सदी हो क्या
मुझसे औलाद पूछती है अब
इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या(तरही गज़ल)
सुन्दर
जवाब देंहटाएंबहुत आभार ...
हटाएं
जवाब देंहटाएंमुझसे औलाद पूछती है अब
इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या...बहुत सुंदर निशब्द करती अभिव्यक्ति.
बहुत शुक्रिया आप्प्का ...
हटाएंबहुत उम्दा ग़ज़ल।
जवाब देंहटाएंआभार शास्त्री जी ...
हटाएंहाँ संवेदनशील लोग एक रुकी हुई घड़ी ही होते हैं फिर वे चाहे किसी भी पीढ़ी के क्यों न ह़ं ?
जवाब देंहटाएंआप शायद सच ही कह रहे हैं ...
हटाएंबहुत आभार आपका ...
दो पीढ़ी की सोच में अंतर हो ही जाता है
जवाब देंहटाएंजी बिलकुल ...
हटाएंबहुत आभार राकेश जी ...
वाह
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सर ...
हटाएंसुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंबहुत आभार ...
हटाएंतुमको महसूस कर रहा हूँ मैं
जवाब देंहटाएंमाँ कहीं आस पास ही हो क्या
दर्द से पूछने लगी खुशियाँ
एक लम्हा था अब सदी हो क्या
मुझसे औलाद पूछती है अब
इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या
क्या बात है ,बहुत ही सुंदर ,भा गई ,शुक्रिया ।
आभार ज्योति जी ...
हटाएंतुमको महसूस कर रहा हूँ मैं
जवाब देंहटाएंमाँ कहीं आस पास ही हो क्या
मुझसे औलाद पूछती है अब
इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या
वाह मार्मिक
आभार वंदना जी ...
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (08-07-2020) को "सयानी सियासत" (चर्चा अंक-3756) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
--
आभार आपका ...
हटाएंमुझसे औलाद पूछती है अब
जवाब देंहटाएंइक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या..
वाह!! बहुत खूब !! बेहतरीन व लाजवाब ग़ज़ल ।
आभार मीना जी ...
हटाएं
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 8 जुलाई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बहुत आभार पम्मी जी ...
हटाएंबहुत उम्दा। कितने सहज शब्दों में गहरी बात -
जवाब देंहटाएंमुझसे औलाद पूछती है अब
इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या
बहुत शुक्रिया शबनम जी ...
हटाएंअद्धभुत लेखन
जवाब देंहटाएंआभार विभा जी ...
हटाएंतुमको महसूस कर रहा हूँ मैं
जवाब देंहटाएंमाँ कहीं आस पास ही हो क्या
माँ-बाप ना होकर भी हर पल बच्चों के धड़कनों में होते हैं कुछ उसे महसूस करते हैं कुछ अनसुना कर जाते हैं. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति दिगंबर जी,सादर नमन आपको
बहुत आभार है आपका कामिनी जी ...
हटाएंमुझसे औलाद पूछती है अब
जवाब देंहटाएंइक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या
बहुत सुंदर रचना, दिगंबर भाई।
आभात ज्योति जी ...
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंशुक्रिया ओंकार जी ...
हटाएंसर आप बहुत अच्छा लिखते हैं।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भारती जी ...
हटाएंwhat a amazing post..nice writting...
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया ...
हटाएंदर्द से पूछने लगी खुशियाँ
जवाब देंहटाएंएक लम्हा था अब सदी हो क्या
दर्द है कि खत्म होने को नहीं आता
खुशियां बाट जोहती ही रहेंगी क्या
बहुत सुंदर गजल हर शेर अपने आप में मुकम्मल है
बहुत आभार अनीता जी ...
हटाएंतुमको महसूस कर रहा हूँ मैं
जवाब देंहटाएंमाँ कहीं आस पास ही हो क्या
मुझसे औलाद पूछती है अब
इक पुरानी रुकी घड़ी हो क्या
बहुत ही सुंदर लिखा है आपने. सभी अशआर ज़िंदगी के किसी केंद्र को छू कर ग़ुजरते हैं.
बहुत आभार है आपका ...
हटाएंवक़्त ने पूछ ही लिया मुझसे
जवाब देंहटाएंबूढ़े बापू की तुम छड़ी हो क्या.....अद्भुत अशआरों से लैस जबरदस्त शायरी !! अब एक तकनीकी पक्ष भी सुलझाइये आप - ग़ज़ल और तरही ग़ज़ल में क्या फर्क होता है ? हालाँकि मुझे ये और इससे बाद वाली पोस्ट को पढ़ने में फर्क महसूस हुआ लेकिन मैं शायद उसे व्यवस्थित रूप से परिभाषित नहीं कर सकूंगा !! आपको समझाना ही होगा दोनों का अंतर :)
बहुत आभार योगी जी ...
हटाएंहाँ ... तरही गज़ल वो गज़ल है जिसमें कोई एक मिसरा दिया जाता है ... फिर उस मिसरे की बहर, काफिया, रदीफ़ ले कर गज़ल कही जाती है और दिए हुए मिसरे पर भी शेर कहा जाता है ... जिसको गिरह का शेर कहते हैं ...
दूसरी गजलों में ये सब आप तय करते हैं की कैसे लिखना है ...
बहुत शानदार सृजन।
जवाब देंहटाएंसंवेदनाओं से भरपूर मर्मस्पर्शी।
बहुत आभार आपका ...
हटाएंवक़्त ने पूछ ही लिया मुझसे
जवाब देंहटाएंबूढ़े बापू की तुम छड़ी हो क्या
वाह!!!!
वक्त ही सवाल है और वक्त ही जबाब भी
बहुत ही भावपूर्ण...
तुमको महसूस कर रहा हूँ मैं
माँ कहीं आस पास ही हो क्या
माँ तो सचमुच आसपास ही होती है संतान के.....बस महसूस करना जरूरी है
बहुत ही लाजवाब गजल हमेशा की तरह।
बहुत आभार सुधा जी
हटाएंNice post
जवाब देंहटाएंशुक्रिया जी ...
हटाएंCheck here for more songs lyrics
जवाब देंहटाएंDr. Bhupen Hazarika song Lyrics
Ujjwal Aarong
Zubeen Garg song Lyrics
Neel Akash song Lyrics
बहुत ही सुन्दर, Nice
जवाब देंहटाएंgood song wonderful full
जवाब देंहटाएंNice post Sir. I salute your writing skill.
जवाब देंहटाएंWhat an interesting piece of information you have provided so appreciated. I would like to know more information about this.
जवाब देंहटाएंI would like to prefer you a web site introducing itself briefly -
RC Lyrics Band is one of the best lyrics downloading website where you can download music lyrics file (.lrc) and pdf file for free. You can visit by click here.Thank you so much for your time.
our website is really cool and this is a great inspiring article.
जवाब देंहटाएंNICE ARTICLE
verygood
apka article kafi acha hai aise hi likhe dhanyabad
जवाब देंहटाएंGOD BLESS U
thanks
apka article kafi badiya hai padhkar acha laga.
जवाब देंहटाएंGOOD
What an interesting piece of information you have provided so appreciated. Sun sun nanhe lori ki dhun lyrics
जवाब देंहटाएंWhat an amazing post. Thanks for sharing. Please check Masked Wolf
जवाब देंहटाएं