जो कायरों से मरोगे तो कुछ नहीं होगा ...
गुलाम बन के रहोगे तो कुछ नहीं होगा
निज़ाम से जो डरोगे तो कुछ नहीं होगा
तमाम शहर के जुगनू हैं कैद में
उनकी
चराग़ छीन भी लोगे तो कुछ नहीं होगा
समूचा तंत्र है बहरा, सभी
हैं जन गूंगे
जो आफताब भी होगे तो कुछ नहीं होगा
बदल सको तो बदल दो जहाँ की तुम किस्मत
जो भीड़ बन के चलोगे तो कुछ नहीं
होगा
कलम के साथ ज़रूरी है सबकी सहभागी
नहीं जो
मिल के लड़ोगे तो कुछ नहीं होगा
जो मौत
आ ही गयी मरना मार कर दुश्मन
जो कायरों से मरोगे तो कुछ नहीं होगा
अपने फेसबुक पर ले जा रही हूँ
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 10 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजो मौत आ ही गयी मरना मार कर दुश्मन
जवाब देंहटाएंजो कायरों से मरोगे तो कुछ नहीं होगा
बहुत ख़ूब.
बदल सको तो बदल दो जहाँ की तुम किस्मत
जवाब देंहटाएंजो भीड़ बन के चलोगे तो कुछ नहीं होगा
सुन्दर ग़ज़ल....
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंलाजवाब
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (11-11-2020) को "आवाज़ मन की" (चर्चा अंक- 3882) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
-- हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
--
बेहतरीन अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 11 नवंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंवाह।
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ग़ज़ल 🙏🌹🙏
कृपया मेरे ब्लॉग की इस लिंक पर भी पधारें तो कृपा होगी
https://vichar-varsha.blogspot.com/2020/11/24.html?m=0
प्रभावशाली लेखन - - नमन सह।
जवाब देंहटाएंthis is a great blog i really like it keep it up thanks for this nice blog
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है। बहुत उम्दा।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबदल सको तो बदल दो जहाँ की तुम किस्मत
जवाब देंहटाएंजो भीड़ बन के चलोगे तो कुछ नहीं होगा
वाह!!!
क्या बात...
बहुत ही लाजवाब सृजन हमेशा की तरह।
बदल सको तो बदल दो जहाँ की तुम किस्मत
जवाब देंहटाएंजो भीड़ बन के चलोगे तो कुछ नहीं होगा
.....दिल की गहराइयों से आपको साधुवाद दिगंबर साब !! इतनी बेहतरीन ग़ज़ल पढ़वाने के लिए
वाह बेहतरीन 👌
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन रचना ।
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