स्वप्न मेरे: इंतज़ार - एक प्रेम का ...

सोमवार, 18 जुलाई 2022

इंतज़ार - एक प्रेम का ...

मालुम है ले गया था तुम्हारे होठों की खिलखिलाती हँसी
वो खनकते कंगन, नीले आसमानी रँगों वाली काँच की चूड़ियाँ
वो टूटी पाजेब ... धागे के सहारे जिसे पांवों में अटका रखा था तुमने
 
हर वो शै जिसमें तुम्हारे होने का एहसास हो सकता था
मेरे ट्रंक में सहेज दी थी तुमने
अगर सही सही कहूँ ... तो ले आया था मैं उसे ... 
 
मैं जानता था जुदाई का वो पल इक उम्र से लम्बा होने वाला है
 
पर सच कहूँ तो उस दौर में एक पल भी तुमसे जुदा नही था
हालांकि छोड़ आया था तुम्हे तन्हा सबके बीच यादों के सहारे
 
अब जबकि लौट रहा हूँ तुम्हारे करीब,   
चाहता हूं तमान खुशियाँ समेत दूँ तुम्हारे दामन में ...
 
भर ली है लाल डिबिया में सुबह की लाली, माँग सजाने के लिए
कैद कर ली ही बारिशों की बूँदों में नहाते परिंदों की खनकती हँसी
माँग लिया है शाम का गहरा नीला आँचल,
रात की काली चादर पे चमकते तारे और इन्द्र-धनुष के सुनहरी रँग
ध्यान से देखना पूरब की और खुलने वाली खिड़की की जानिब
घिरने लगी होंगी कुछ आँधियाँ वहाँ ...
की भेजा है हवा के हाथ इक संदेसा तुम्हारे नाम
 
हाँ वो ढेर सारा प्यार भी इकठ्ठा है जो जोड़ रहा हूँ तबसे
जब जुदा हुए थे ज़िन्दगी के फ़र्ज़ पूरा करने को
 
मैं आउँगा छत के उसी सुनसान कोने में
खड़ी होगी जहाँ तुम होठ चबाती मेरे इंतज़ार में ...

#जंगली_गुलाब 

17 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ वो ढेर सारा प्यार भी इकठ्ठा है जो जोड़ रहा हूँ तबसे
    जब जुदा हुए थे ज़िन्दगी के फ़र्ज़ पूरा करने को
    फ़र्ज़ पूरा करने के चक्कर में कितना कुछ छोड़ना पड़ता है । भावों की खूबसूरत अभव्यक्ति ।

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  2. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (20-07-2022) को
    चर्चा मंच      "गरमी ने भी रंग जमाया"  (चर्चा अंक-4496)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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  3. वाह ....जंगली गुलाब ... सुंदर अभिव्यक्ति

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  4. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 20 जुलाई 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
    >>>>>>><<<<<<<
    पुन: भेंट होगी...

    जवाब देंहटाएं

  5. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 20 जुलाई 2022 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
    अथ स्वागतम शुभ स्वागतम।
    >>>>>>><<<<<<<
    पुन: भेंट होगी...

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  6. लजवाब पंक्तियां बहुत ही सुन्दर ....

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  7. सच्चे प्यार में पगी बहुत सुन्दर कविता !

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  8. बहुत बहुत सुंदर ।
    भावों की प्रवणता हृदय स्पर्शी।
    अप्रतिम सृजन, अहसासों का गुँचा।

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  9. मैं आउँगा छत के उसी सुनसान कोने में
    खड़ी होगी जहाँ तुम होठ चबाती मेरे इंतज़ार में ...
    .. मधुर स्मृतियाँ ताउम्र साथ चलती रहती हैं
    बहुत सुन्दर ...

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  10. दिल की गहराइयों से निकलते प्रेम-पगे भाव

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  11. मैं आउँगा छत के उसी सुनसान कोने में
    खड़ी होगी जहाँ तुम होठ चबाती मेरे इंतज़ार में ...मैं ऐसे ही शब्दों के लिए तो आपके ब्लॉग पर आता हूँ ! भले थोड़ी देर से ही सही

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आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है