पूरब की किरणों के साथ लौटने लगी घास, खिलने लगे फूल
लौट आया सफ़ेद बादलों का कारवाँ
इन्द्र-धनुष के रंग भी खिलने लगे समय के साथ
कितना जरूरी है प्रेम और प्रेम पर विश्वास होना
कितना जरूरी है प्रेम और प्रेम पर विश्वास होना
स्वप्न स्वप्न स्वप्न, सपनो के बिना भी कोई जीवन है