tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post1128771384864431782..comments2024-03-29T12:46:14.160+05:30Comments on स्वप्न मेरे: मेरा शून्यदिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger70125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-82810530054689860932011-06-29T16:46:32.364+05:302011-06-29T16:46:32.364+05:30ज़ख़्मी यादों का दंश सहते सहते
लाहुलुहान हो गया हू...ज़ख़्मी यादों का दंश सहते सहते<br />लाहुलुहान हो गया हूँ<br />गुज़रे लम्हों की सिसकियाँ<br />बहरा कर देतीं हैं<br />बीते वक़्त की खुश्बू<br />साँसें रोक रही है<br />रोशनी की चकाचौंध<br />अँधा कर रही है'<br />ये कैसा विरोधाभास है बाबु? ज़ख़्मी याडों के दंश और बहरा कर देने वाली सिसकियों के बीच खुशबू भी?<br />'इन अंधेरों में बसने दो<br />ये मेरा ही शून्य है<br />इन सन्नाटों में रहने दो ..' किसी शायर ने लिखा भी है '.... अँधेरे हमे आज रास आ गए हैं ' अँधेरे कभी कभी अच्छे लगते हैं नन्हे दोस्त पर....ये लील जाते हैं हमे और हमे पता ही नही चलता.इसलिए.....कविता में ज़िक्र करो.जीवन पर हावी ना होने देना. तुम्हारी गंभीर प्रवृति को दर्शाती है ये कविता.पर.....मुझे नही पसंद निराशा के गीत.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-50963219033349161582010-09-28T17:23:27.362+05:302010-09-28T17:23:27.362+05:30आज काफी दिन बाद आना हुआ ..बहुत ही बेहतरीन रचना पढन...आज काफी दिन बाद आना हुआ ..बहुत ही बेहतरीन रचना पढने को मिलीनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-80535117359813373462010-09-16T17:47:48.612+05:302010-09-16T17:47:48.612+05:30.
..मुझे इस खामोशी में रहने दो
इन अंधेरों में बसने....<br />..मुझे इस खामोशी में रहने दो<br />इन अंधेरों में बसने दो<br />ये मेरा ही शून्य है<br />इन सन्नाटों में रहने दो ....<br /><br />Voice of silence...<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-25013371177964895922010-09-13T19:34:27.199+05:302010-09-13T19:34:27.199+05:30mujhe samay par naa jane kyo poora vishvas hai.......mujhe samay par naa jane kyo poora vishvas hai..........<br />ye bade se bade hadse aur dukh ko apane aanchal me le lupt kar deta hai.........karvat badalana bhee iseka swabhav hai...........<br />intzar hai khushee bharee nazm ka...........<br />best wishes.Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-46257471754798802672010-09-12T22:36:10.824+05:302010-09-12T22:36:10.824+05:30मार्मिक चित्रण किया है आपने साथ ही सन्नाटे को आत्म...मार्मिक चित्रण किया है आपने साथ ही सन्नाटे को आत्मसात् कर लिया जाए तो वहीं ज़िन्दगी भी होती है।हर्षिताhttps://www.blogger.com/profile/04799029469213410208noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-48278733705119108862010-09-12T13:04:17.467+05:302010-09-12T13:04:17.467+05:30मुझे इस खामोशी में रहने दो
इन अंधेरों में बसने दो
...मुझे इस खामोशी में रहने दो<br />इन अंधेरों में बसने दो<br />ये मेरा ही शून्य है<br />इन सन्नाटों में रहने दो ... <br /><br />dil ko chhu gayi ye lineShaivalika Joshihttps://www.blogger.com/profile/02643334614690992704noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-67719765063015387352010-09-11T23:01:37.447+05:302010-09-11T23:01:37.447+05:30आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाये...आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें ! भगवान श्री गणेश आपको एवं आपके परिवार को सुख-स्मृद्धि प्रदान करें !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-81647863595135588072010-09-11T08:56:03.804+05:302010-09-11T08:56:03.804+05:30मुझे इस खामोशी में रहने दो
इन अंधेरों में बसने दो...मुझे इस खामोशी में रहने दो <br />इन अंधेरों में बसने दो <br />ये मेरा ही शून्य है <br />इन सन्नाटों में रहने दो .<br /><br />..........................<br />भावों की अच्छी अभिव्यक्ति....बधाई ! डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-90914448392564281912010-09-10T13:38:16.352+05:302010-09-10T13:38:16.352+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थ...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/09/4_10.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें</a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-13076905442124268662010-09-10T12:09:08.520+05:302010-09-10T12:09:08.520+05:30पहली पंक्ति में "मैं" को सुधार लें...गलत...पहली पंक्ति में "मैं" को सुधार लें...गलती से(शायद) वह "में" हो गया है... <br /><br />बाकी रचना और आपके लेखन दक्षता की क्या कहूँ...<br /><br />बस वाह !!!!रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-59739888269611428522010-09-10T08:34:59.958+05:302010-09-10T08:34:59.958+05:30बहुत दिनों के बाद आपके ब्लाग पर आ सका लेकिन एक बढ़...बहुत दिनों के बाद आपके ब्लाग पर आ सका लेकिन एक बढ़िया कविता को महसूस करना अच्छा लगा।डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-84132336350438387902010-09-09T18:31:47.562+05:302010-09-09T18:31:47.562+05:30उदास कर गयी आपकी यह रचना भावों की अच्छी अभिव्यक्ति...उदास कर गयी आपकी यह रचना भावों की अच्छी अभिव्यक्ति है इस में ...और एक सच भी ..शुक्रियारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-49803529365418810382010-09-09T17:19:50.611+05:302010-09-09T17:19:50.611+05:30... behatreen !!!... behatreen !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-73161964376560920472010-09-09T08:04:31.801+05:302010-09-09T08:04:31.801+05:30दिगंबर जी..कोई जवाब नही..एक भावपूर्ण रचना....शब्दो...दिगंबर जी..कोई जवाब नही..एक भावपूर्ण रचना....शब्दों का चयन इतना सुंदर सहज आकर्षण देती हुई कविता पास से गुजरती है..<br /><br />खामोशी कभी कभी जीवन में इतनी अच्छी भी लग सकती है कि बाकी हर चीज़ चुभने लगती है..उस कल्पना को आपने जितने सुंदर ढंग से व्यक्त किया तारीफे-काबिल है...छोटे भाई का प्रणाम स्वीकार करें..आज कल आपकी छ्न्द मुक्त कविताएँ दिल जीत लेती है....विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-44242941594786861152010-09-09T07:34:52.673+05:302010-09-09T07:34:52.673+05:30व्यथा है बेचैनी है ,अच्छी प्रस्तुति ।व्यथा है बेचैनी है ,अच्छी प्रस्तुति ।अजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-88024639239168765542010-09-08T21:26:14.821+05:302010-09-08T21:26:14.821+05:30Adarneey Digambar sir,
Apne is rachna men bahut k...Adarneey Digambar sir,<br /><br />Apne is rachna men bahut komal bhavnaon ko bahut khubsuratee se shbdon men bandha hai.shubhkamnayen.<br />Poonamपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-11523806832142515632010-09-08T21:13:36.734+05:302010-09-08T21:13:36.734+05:30सच अक्सर सन्नाटे ही रास आते हैं !!!!उफ्फफ्फ्फ़ कित...सच अक्सर सन्नाटे ही रास आते हैं !!!!उफ्फफ्फ्फ़ कितनी व्यथा हैरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-89650563075791820322010-09-08T17:50:31.138+05:302010-09-08T17:50:31.138+05:30मुझे इस खामोशी में रहने दो
इन अंधेरों में बसने दो...मुझे इस खामोशी में रहने दो <br />इन अंधेरों में बसने दो <br />ये मेरा ही शून्य है <br />इन सन्नाटों में रहने दो ...<br /><br />हाफ सेंचुरी से ऊपर कमेन्ट, फिर कौन आपको शून्य में रहने देगा, हम सब अपनी उल-जलूल टिप्पणियों से आपके सन्नाटे को ,ख़ामोशी को तोड़ते ही रहेंगे..............<br /><br />आज के परिवेश में संवेदनशील व्यक्ति के मनस्थिति के सत्य को बयां करती शानदार इस रचना पर आपको हार्दिक बधाई........<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-29154644217062067522010-09-08T16:35:34.270+05:302010-09-08T16:35:34.270+05:30ye shuny ..asimit hai...kalpnaon ki prakastha se p...ye shuny ..asimit hai...kalpnaon ki prakastha se pare ek adbhut soch..ek sundar abhivyakti!Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-44207522978392178472010-09-08T12:18:44.055+05:302010-09-08T12:18:44.055+05:30ज़ख़्मी यादों का दंश सहते सहते
लाहुलुहान हो गया ह...ज़ख़्मी यादों का दंश सहते सहते <br />लाहुलुहान हो गया हूँ <br />गुज़रे लम्हों की सिसकियाँ <br />बहरा कर देतीं हैं <br />सशक्त अभिव्यक्तिvikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-84637822799357991072010-09-08T11:12:47.611+05:302010-09-08T11:12:47.611+05:30न रोको आँख मेरी अश्क बहने दो
मुझे मेरे ज़ुर्म की स...न रोको आँख मेरी अश्क बहने दो<br /> मुझे मेरे ज़ुर्म की सजा सहने दो<br />कभी कभी शून्य भी बहुत अच्छा लगता है। खुद का खुद मे लौट आना ही ऐसी संवेदनाओं को जन्म देता है। बहुत अच्छी लगी आपकी रचना शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-87812826880537548832010-09-08T09:55:39.233+05:302010-09-08T09:55:39.233+05:30सर जी बहुत ही उम्दा
पंक्तियाँ ...............
ज़ख...सर जी बहुत ही उम्दा<br />पंक्तियाँ ...............<br /> ज़ख़्मी यादों का दंश सहते सहते<br />लाहुलुहान हो गया हूँ<br />गुज़रे लम्हों की सिसकियाँ<br />बहरा कर देतीं हैं<br />बीते वक़्त की खुश्बू<br />साँसें रोक रही है<br />रोशनी की चकाचौंध<br />अँधा कर रही है.<br /><br />ये रचना को पढ़कर बहुत अच्छा लगा.वीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-48872085147836999852010-09-07T21:54:50.415+05:302010-09-07T21:54:50.415+05:30तुम्हारी देह की मादक गंध
सह नही पाता
खनकती हँसी
सु...तुम्हारी देह की मादक गंध<br />सह नही पाता<br />खनकती हँसी<br />सुन नही पाता<br />गहरी आँखों की कोई<br />थाह नही पाता<br />बाहों का हार<br />नागपाश लगता है<br />मुझे इस खामोशी में रहने दो<br />इन अंधेरों में बसने दो<br />ये मेरा ही शून्य है<br />इन सन्नाटों में रहने दो ... <br />नासवा जी...<br />नज़्म बहुत अच्छी है...<br />अलबत्ता...<br />ये विरक्ति के भाव!!!शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-82592151586909582082010-09-07T21:37:07.724+05:302010-09-07T21:37:07.724+05:30तुम्हारी देह की मादक गंध
सह नही पाता
खनकती हँसी
सु...तुम्हारी देह की मादक गंध<br />सह नही पाता<br />खनकती हँसी<br />सुन नही पाता<br />गहरी आँखों की कोई<br />थाह नही पाता<br />बाहों का हार<br />नागपाश लगता है<br />मुझे इस खामोशी में रहने दो<br />इन अंधेरों में बसने दो<br />ये मेरा ही शून्य है<br />इन सन्नाटों में रहने दो ... <br /><br /><br />very well naswa shahabमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-42108393464086424432010-09-07T19:37:52.573+05:302010-09-07T19:37:52.573+05:30अत्यंत ही प्रभावशाली रचना. शुभकामनाएं.
रामराम.अत्यंत ही प्रभावशाली रचना. शुभकामनाएं.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.com