tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post1557620841736677251..comments2024-03-28T14:28:13.874+05:30Comments on स्वप्न मेरे: जानना प्रेम को ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-69242896437061159482014-06-20T09:11:40.084+05:302014-06-20T09:11:40.084+05:30यूं तो प्रेम खुद एक एहसास है। लिकिन फिर भी उसे महस...यूं तो प्रेम खुद एक एहसास है। लिकिन फिर भी उसे महसूस करने के लिए भी केवल एक एहसास एक भाव की ही जरूरत होती है...जैसे वो गीत है न <br />"सिर्फ एहसास है यह रूह से महसूस करो। <br />प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम न दो"... Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-47262924683799745292014-04-02T10:40:20.403+05:302014-04-02T10:40:20.403+05:30अवचेतन में बसा पवित्र प्रेम. सुंदर रचना .अवचेतन में बसा पवित्र प्रेम. सुंदर रचना .RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI'https://www.blogger.com/profile/14562043182199283435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-20016397209140766272014-03-25T17:14:30.942+05:302014-03-25T17:14:30.942+05:30वाह ! प्रेम की बारिश कर दी ! बहुत सुन्दर ! वाह ! प्रेम की बारिश कर दी ! बहुत सुन्दर ! डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-80603235579343465972014-03-25T17:05:01.732+05:302014-03-25T17:05:01.732+05:30प्रेम ही ऐसा है जो आज भी अगर विशुद्ध है तो निश्छल ...प्रेम ही ऐसा है जो आज भी अगर विशुद्ध है तो निश्छल और निष्पाप है, चाहे उसका रूप कुछ भी हो। बहुत सुन्दर भाव !रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-67756021692071396192014-03-25T14:12:49.203+05:302014-03-25T14:12:49.203+05:30सच बताना जानाँ
क्या रुका हुआ है समय तभी से
या आई ह...सच बताना जानाँ<br />क्या रुका हुआ है समय तभी से<br />या आई है तू सच में मेरे सामने इस रूप में ...? <br /><br />बहुत ही कोमल भाव संजोए बहुत सुन्दर रचना ...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-7811240048530012332014-03-25T12:31:39.498+05:302014-03-25T12:31:39.498+05:30प्रेम के इस एहसास का जवाब नहीं प्रेम के इस एहसास का जवाब नहीं रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-39224390756993123522014-03-25T11:09:27.333+05:302014-03-25T11:09:27.333+05:30प्रेम और भक्ति की साधना में संशय नहीं होता...सुंदर...प्रेम और भक्ति की साधना में संशय नहीं होता...सुंदर मनोभाव लिये रचना... Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-71306740167337441162014-03-25T10:49:58.479+05:302014-03-25T10:49:58.479+05:30जब कान में बजती बन्सी की धुन
घर आ जाता कोई मनचाहा...जब कान में बजती बन्सी की धुन <br />घर आ जाता कोई मनचाहा पाहून <br />तब ऐसे ही लगता है जैसे जूही खिल कर महका गयी है मन प्राणों को, समझो तो प्रेम न समझो तो दिवानापन :)<br />Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-28542751312617954122014-03-25T10:46:44.637+05:302014-03-25T10:46:44.637+05:30प्रेम तो मन का एक भाव है, जो किसी एक के लिए नहीं ह...प्रेम तो मन का एक भाव है, जो किसी एक के लिए नहीं होता अपितु सम्पूर्ण जगत के लिए होता है। केवल एक के लिए होना वाला प्रेम प्रेम नहीं है आसक्ति है। इसलिए सम्पूर्ण जीव-जगत के लिए मन में प्रेम उमड़ या संवेदना जागृत हो उसी इंसान के अन्दर प्रेम होता है और प्रेम तभी जीवित रहता है। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-55097260858940673882014-03-25T09:25:30.814+05:302014-03-25T09:25:30.814+05:30शानदार जज़्बाती प्रस्तुति। सुन्दर शब्दों का चयन और ...शानदार जज़्बाती प्रस्तुति। सुन्दर शब्दों का चयन और संयोजन Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06050233256281686905noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-9995166906624458672014-03-25T07:52:22.422+05:302014-03-25T07:52:22.422+05:30हरि अनंत हरि कथा अनन्ता ... हरि अनंत हरि कथा अनन्ता ... Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-55516643764934134942014-03-25T07:33:28.168+05:302014-03-25T07:33:28.168+05:30प्रेम का अद्भुत संसार है जहां सब कुछ आभासी एवं अस्...प्रेम का अद्भुत संसार है जहां सब कुछ आभासी एवं अस्पष्ट है लेकिन फिर भी हाथ आये किसी भी छोर को मन छूटने देना नहीं चाहता ! बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-48165821179142324912014-03-25T05:47:56.214+05:302014-03-25T05:47:56.214+05:30ज्यों-ज्यों डूबे प्रेम-रँग त्यो-त्यों उज्ज्वल होइ!...ज्यों-ज्यों डूबे प्रेम-रँग त्यो-त्यों उज्ज्वल होइ!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-66636185256018876022014-03-25T01:27:07.463+05:302014-03-25T01:27:07.463+05:30KHOOB KAHAA HAI AAPNE ! KHOOB KAHAA HAI AAPNE ! PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-45580079861148389852014-03-24T23:15:34.018+05:302014-03-24T23:15:34.018+05:30शुरू होती है फिर एक जद्दोजहद चेतन और अवचेतन के बीच...शुरू होती है फिर एक जद्दोजहद चेतन और अवचेतन के बीच<br /><br />(गुजारते )<br /><br />गुज़रते समय के साथ उतरने लगते हैं समय के रँग<br /><br />सुन्दर भाव बोध और तसव्वुर के इंद्रधनुष virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-68748476589490585782014-03-24T22:24:52.469+05:302014-03-24T22:24:52.469+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन युद्ध की शुरुआत - ...<br />ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2014/03/blog-post_24.html" rel="nofollow"> युद्ध की शुरुआत - ब्लॉग बुलेटिन </a> मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !<br /><br />ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-88253331631317673902014-03-24T22:06:11.308+05:302014-03-24T22:06:11.308+05:30प्रेममय करते भाव ...ईश्वरीय अनुभूति ......!!अद्भुत...प्रेममय करते भाव ...ईश्वरीय अनुभूति ......!!अद्भुत रचना ......!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-79905623631107002472014-03-24T21:59:27.475+05:302014-03-24T21:59:27.475+05:30बहुत ही सुन्दर....उतर आती है तू साँस लेती कैनवस के...बहुत ही सुन्दर....उतर आती है तू साँस लेती कैनवस के बे-रँग परदे पर...वसुन्धरा पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12807783136209273289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-86338601042157914082014-03-24T21:42:50.313+05:302014-03-24T21:42:50.313+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (25-03-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "स्वप्न का संसार बन कर क्या करूँ" (चर्चा मंच-1562) </a> पर भी होगी!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ<br />कामना करता हूँ कि हमेशा हमारे देश में<br />परस्पर प्रेम और सौहार्द्र बना रहे।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-22387316090933584312014-03-24T21:37:49.522+05:302014-03-24T21:37:49.522+05:30बहुत सुन्दर !बहुत सुन्दर !Shikha Kaushikhttps://www.blogger.com/profile/12226022322607540851noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-52210474928072678012014-03-24T21:29:55.551+05:302014-03-24T21:29:55.551+05:30वाह ... अद्भुत भाव वाह ... अद्भुत भाव डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-22216211234144184122014-03-24T21:06:02.008+05:302014-03-24T21:06:02.008+05:30शून्य होने लगता है तेरा अक्स
खुद-ब-खुद घुल जाते है...शून्य होने लगता है तेरा अक्स<br />खुद-ब-खुद घुल जाते हैं रँग<br />उतर आती है तू साँस लेती कैनवस के बे-रँग परदे पर<br />गुलाबी साड़ी पे आसमानी शाल ओढ़े<br />पूजा कि थाली हाथों में लिए<br />पलकें झुकाए सादगी भरे रूप में<br />sadgi men hi sundarta hai ....bahut sundar bhaw ukere hain shabd chitra ke madhayam se ...Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-16192012835905255682014-03-24T21:00:49.918+05:302014-03-24T21:00:49.918+05:30मन में बाँधे भाव सच्चे हों तो मूर्त रूप दिख जाता ह...मन में बाँधे भाव सच्चे हों तो मूर्त रूप दिख जाता है। सुन्दर पंक्तियाँ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-484683481047791412014-03-24T20:47:43.243+05:302014-03-24T20:47:43.243+05:30वाह , क्या बात है !!वाह , क्या बात है !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-21950872919796738602014-03-24T20:43:49.079+05:302014-03-24T20:43:49.079+05:30क्या बात है। लाजवाब प्रस्तुति। क्या बात है। लाजवाब प्रस्तुति। Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.com