tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post247207404119092548..comments2024-03-28T14:28:13.874+05:30Comments on स्वप्न मेरे: शिद्दत ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-84747340951596299032020-05-18T22:41:22.863+05:302020-05-18T22:41:22.863+05:30शुक्रिया संजय जी ...शुक्रिया संजय जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-59987188532641112832020-05-15T17:14:48.673+05:302020-05-15T17:14:48.673+05:30मन प्रसन्न हो गया शब्दों को गढ़ना आपको बड़ी खूबसूरती...मन प्रसन्न हो गया शब्दों को गढ़ना आपको बड़ी खूबसूरती से आता है संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-32496754533952459122020-04-29T10:13:31.740+05:302020-04-29T10:13:31.740+05:30बहुत आभार ज्योति जी ...बहुत आभार ज्योति जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-69095311315008219242020-04-27T22:42:32.532+05:302020-04-27T22:42:32.532+05:30
मुलाकात का सिलसिला जब आदत हो गया
तमाम रोशनदान बन्...<br />मुलाकात का सिलसिला जब आदत हो गया<br />तमाम रोशनदान बन्द हो गए थे<br /><br />सुबह के साथ फैलता है यादों का सैलाब<br /><br />रात के पहले पहर दिन तो सो जाता है<br />पर रौशनी कम नहीं होती<br />यादों के जुगनू जो जगमगाते हैं <br /><br />मालुम है मुझे शराब ओर तुम्हारी मदहोशी का नशा <br />टूटने के बाद तकलीफ देगा <br /><br />पर क्या करूँ<br />शिद्दत ... कमीनी कम नहीं होती<br />वाह वाह बहुत खूब ,बेहतरीन रचना ,बधाई स्वीकारें ,नमस्कार ,<br />Jyoti Singhhttps://www.blogger.com/profile/04419073316265642693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-77413443666667299142020-04-26T18:29:35.122+05:302020-04-26T18:29:35.122+05:30शुक्रिया योगी जी शुक्रिया योगी जी दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-13030756320998256372020-04-26T11:01:06.967+05:302020-04-26T11:01:06.967+05:30ताज़ा हवा के झोंके नहीं आते थे मेरे करीब
मुलाकात क...ताज़ा हवा के झोंके नहीं आते थे मेरे करीब<br /><br />मुलाकात का सिलसिला जब आदत हो गया<br />तमाम रोशनदान बन्द हो गए थे...बहुत बहुत सुन्दर रचना Yogi Saraswathttps://www.blogger.com/profile/17101659017154035233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-12968536901985385762020-04-22T20:13:59.569+05:302020-04-22T20:13:59.569+05:30बहुत आभार आपका बहुत आभार आपका दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-49214721872630980032020-04-19T12:41:07.274+05:302020-04-19T12:41:07.274+05:30जिस्म को पुरानी यादों से कोई कैसे काट सकता हैं? बह...जिस्म को पुरानी यादों से कोई कैसे काट सकता हैं? बहुत सुंदर सृजन, दिगंबर भाई।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-41374608312906532892020-04-17T13:14:07.970+05:302020-04-17T13:14:07.970+05:30आभार आपका ...आभार आपका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-57563113840494970622020-04-17T13:13:35.225+05:302020-04-17T13:13:35.225+05:30🙏🙏🙏 आभार आपका ...🙏🙏🙏 आभार आपका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-87327748761714597152020-04-17T13:13:04.013+05:302020-04-17T13:13:04.013+05:30बहुत आभार आपका डॉ अजय जी ...बहुत आभार आपका डॉ अजय जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-56521279085893468252020-04-17T13:12:22.568+05:302020-04-17T13:12:22.568+05:30आपकी विस्तृत चर्चा ने नए मायने दे दिए इस रचना को ....आपकी विस्तृत चर्चा ने नए मायने दे दिए इस रचना को ... बहुत आभार आदरणीय ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-74316671267799527062020-04-17T12:02:45.194+05:302020-04-17T12:02:45.194+05:30पूछती हो तुम ... क्यों डूबे रहते हो यादों में ... ...पूछती हो तुम ... क्यों डूबे रहते हो यादों में ... ?<br />मैं ... क्या करूँ<br />समुन्दर का पानी जो कम है डूबने के लिए<br />वाह बेहतरीन रचना आदरणीय 👌👌Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-91306778934774246322020-04-17T09:28:37.803+05:302020-04-17T09:28:37.803+05:30अभिव्यक्ति कौशल का कमाल देखते ही बनता है !अभिव्यक्ति कौशल का कमाल देखते ही बनता है !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-11250109126133275992020-04-16T15:20:26.804+05:302020-04-16T15:20:26.804+05:30कुछ नशें जीने का मकसद देते है, साहब।
हमेशा से आप ब...कुछ नशें जीने का मकसद देते है, साहब।<br />हमेशा से आप बहुत शानदार रचते हैं।शब्दो के जादूगर हैं।पढ़कर मजा आ जाता हैं।कई बार पढ़ा,शब्द ऐसे रोल निभाते हैं कि सामने तस्वीरे बन जाती हैं।<br />सादर प्रणाम।Dr ajay yadavhttps://www.blogger.com/profile/17231136774360906876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-44986210665773928372020-04-16T12:24:04.350+05:302020-04-16T12:24:04.350+05:30पूछती हो तुम .....क्यों डूबे रहते हो यादों में ......पूछती हो तुम .....क्यों डूबे रहते हो यादों में ...?<br />मैं ....क्या करूँ <br />समुन्दर का पानी जो कम है डूबने के लिए <br />(तुम उदासी ओढ़े चुप हो जाती हो जवाब सुनने के बाद) <br />.......<br />मैं कहता हूं .....अच्छा ऐसा करो वापस आ जाओ मेरे पास <br />यादें खत्म हो जायेंगी खुद-ब-खुद <br />(क्या कहा ....संभव नहीं...)-------अहा !! कितनी खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ! हाँ आदरणीय ! पंक्तियाँ ! शब्द तो मेरे जाने पहचाने हैं ! कलात्मक हाथों में पहुँच कर शब्द कितने सशक्त हो जाते हैं ! पढ़ते हुए मन भाव विभोर हो जाता है ! लगता है जैसे रंगमंच पर किसी प्रेमी जोड़े का संवाद चल रहा है !यादों में डूबना और उदासी का ओढ़ना भी कभी कभी अच्छा लगता है ! लाजवाब प्रस्तुति ! बहुत सुंदर आदरणीय।<br /><br />मैं ...चलो ऐसा करो <br />पतझड़ के पत्तों की तरह <br />जिस्म से पुरानी यादों को काटने का तिलिस्म <br />मुझे भी सिखा दो <br /><br />ताजा हवा के झोंके नहीं आते थे मेरे करीब <br /><br />मुलाकात का सिलसिला जब आदत हो गया तमाम रोशनदान बंद हो गए थे------ क्या बात है ! क्या बात है ! जिस्म से पुरानी यादों को काटने का तिलिस्म ! चिंतन में गतिशीलता कल्पना लोक के संसार को कितना बढ़ा देती है ! शायद ऐसा ही होता है तड़पती रूह के आँसुओं का शब्दों में ढलना ! बेहतरीन !! बहुत खूब आदरणीय ।<br /><br />सुबह के साथ फैलता है यादों का सैलाब<br /><br />रात के पहले पहर दिन तो सो जाता है <br />पर रौशनी कम नहीं होती <br />यादों के जुगनू जो जगमगाते हैं <br /><br />मालुम है मुझे शराब और तुम्हारी मदहोशी का नशा<br />टूटने के बाद तकलीफ देगा <br /><br />पर क्या करूँ <br />शिद्दत.....कमीनी कम नहीं होती-------- कमाल है ! कमाल है आदरणीय ! प्यार का नशा कहाँ उतरता है ! अंधेरा खोजने वाले को जुगनू का उजाला भी खलता है ! दिन के सोने की अनुभूति रचनाकार के सिवा और कौन कर सकता है ! मैं कौन होता हूँ रचना की गहराई मापने वाला ! जब जब पढ़ता हूँ गहराई के बढ़ने का एहसास होता है !अतल गहराई में जाने की हिम्मत नहीं होती है ! मन व्याकुल हो उठता है ! लेखक के चिंतन तक पाठक का पहुँचना इतना आसान कहाँ ! <br />आदरणीय दिगम्बर सर ! नमन करता हूँ आप की लेखनी को ! हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ । <br /><br />Rajesh Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-86203924778676197902020-04-15T19:50:06.571+05:302020-04-15T19:50:06.571+05:30बहुत शुक्रिया ...बहुत शुक्रिया ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-14243072137833267232020-04-15T19:49:37.553+05:302020-04-15T19:49:37.553+05:30शुक्रिया जी ...शुक्रिया जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-74778178645677751512020-04-15T19:49:13.829+05:302020-04-15T19:49:13.829+05:30आपका आभार है ...आपका आभार है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-11226635383256798012020-04-15T19:48:34.572+05:302020-04-15T19:48:34.572+05:30बहुत आभार आपका ...बहुत आभार आपका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-23877138375324913192020-04-15T19:48:05.082+05:302020-04-15T19:48:05.082+05:30आभार सुधा जी ...आभार सुधा जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-16639798660973429672020-04-15T19:47:32.975+05:302020-04-15T19:47:32.975+05:30जी इसी की तलाश फिर भी है ... आभार आपका ...जी इसी की तलाश फिर भी है ... आभार आपका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-15806920472930099592020-04-15T19:46:44.723+05:302020-04-15T19:46:44.723+05:30आभार शास्त्री जी ...आभार शास्त्री जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-75536948283229911332020-04-15T19:46:22.479+05:302020-04-15T19:46:22.479+05:30आभार मीना जी ...आभार मीना जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-12242686305873205022020-04-15T19:45:59.008+05:302020-04-15T19:45:59.008+05:30बहुत आभार पुरुषोत्तम जी ...बहुत आभार पुरुषोत्तम जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com