tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post3479300755022427024..comments2024-03-28T14:28:13.874+05:30Comments on स्वप्न मेरे: अजब ये सिलसिला क्यों ...दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger65125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-37486837116977220052012-10-22T14:57:44.214+05:302012-10-22T14:57:44.214+05:30छला तो इंद्र ने था
अहिल्या ही शिला क्यों !
क्या...छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों !<br /><br />क्या बात कही सर !धीरेन्द्र अस्थानाhttps://www.blogger.com/profile/14444695558664600159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-33530792091865036632012-10-10T15:11:59.317+05:302012-10-10T15:11:59.317+05:30वाह वाह वाह बहुत खूब :)वाह वाह वाह बहुत खूब :)Minakshi Panthttps://www.blogger.com/profile/07088702730002373736noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-65267854655157168662012-09-20T02:25:58.994+05:302012-09-20T02:25:58.994+05:30Bhaot khoob ! maja aaya padh kar!Bhaot khoob ! maja aaya padh kar!बेईमान शायरhttps://www.blogger.com/profile/14983189752575300196noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-54345009749391503212012-09-15T09:47:24.404+05:302012-09-15T09:47:24.404+05:30विरह की आग में फिर
तपे बस उर्मिला क्यों
छला त...विरह की आग में फिर <br />तपे बस उर्मिला क्यों <br /><br />छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों<br /><br /> बहुत खूब!!Prem Farukhabadihttps://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-63581225215693388402012-09-12T06:25:35.839+05:302012-09-12T06:25:35.839+05:30छला तो इंद्र ने था
अहिल्या ही शिला क्यों
बेहतर...छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों <br /><br /><br />बेहतरीन ग़ज़ल Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-33569155572809937522012-09-11T23:45:01.337+05:302012-09-11T23:45:01.337+05:30हुआ इस देश को क्या ?
मरी संवेदना क्यों ?
.... .....हुआ इस देश को क्या ?<br />मरी संवेदना क्यों ?<br /><br /> .... ..ram ram bhai<br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-87443355082955328552012-09-11T19:49:09.796+05:302012-09-11T19:49:09.796+05:30विरह की आग में फिर
तपे बस उर्मिला क्यों
छला तो...विरह की आग में फिर <br />तपे बस उर्मिला क्यों <br />छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों<br />...जिस पर जोर चल जाय वही दोषी है यही दस्तूर चला आ रहा है <br />बहुत बढ़िया चिंतनशील प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-21456650114135536222012-09-11T15:34:33.375+05:302012-09-11T15:34:33.375+05:30बहुत खूब...|बहुत खूब...|मन्टू कुमारhttps://www.blogger.com/profile/00562448036589467961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-81922135297060197352012-09-10T21:13:17.675+05:302012-09-10T21:13:17.675+05:30गए जो खुदकशी को
उन्हें तिनका मिला क्यों
विरह की...गए जो खुदकशी को <br />उन्हें तिनका मिला क्यों <br /><br />विरह की आग में फिर <br />तपे बस उर्मिला क्यों <br /><br />छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों <br /><br />इन तीनों अश'आरों पर हमारी खास दाद कबूल करें.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-16095196423557208962012-09-10T19:33:57.981+05:302012-09-10T19:33:57.981+05:30बड़ी बड़ी बातें छोटे बहर में...
बहुत ही बेहतरीन ग...बड़ी बड़ी बातें छोटे बहर में...<br /><br />बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल !!ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-34145526034224339892012-09-10T19:12:48.745+05:302012-09-10T19:12:48.745+05:30छला तो इंद्र ने था
अहिल्या ही शिला क्यों?
..यह श...छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों?<br /><br />..यह शेर तो सभी के दिल में उतर गया। महफिल लूट ली इसने। वाकई है भी यह कमाल। बहुत बधाई।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-77876161489115709792012-09-10T18:27:41.994+05:302012-09-10T18:27:41.994+05:30ये मेरे ही शहर में हुआ ये बलबला क्यों ?
ये मेरे ही...ये मेरे ही शहर में हुआ ये बलबला क्यों ?<br />ये मेरे ही नगर में सुनामी जलजला क्यों ?<br />है मुश्किल हर डगर मेंअजब ये सिलसिला क्यों ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-15587654663522844932012-09-10T17:50:20.023+05:302012-09-10T17:50:20.023+05:30गजब है! बेहतरीन पोस्ट..गजब है! बेहतरीन पोस्ट..Pratik Maheshwarihttps://www.blogger.com/profile/04115463364309124608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-53243677974969335952012-09-10T15:13:21.244+05:302012-09-10T15:13:21.244+05:30क्यों का जवाब वाकई बहुत मुश्किल है..ग़ज़ल है या सच...क्यों का जवाब वाकई बहुत मुश्किल है..ग़ज़ल है या सच को सामने लाती एक रचना..दिगंबर जी काफी दिनों के बाद आपकी रचना पढ़ने को मिली..फिर से वही ताजगी और वही काव्य की सुगंध..खुबसूरत ग़ज़ल के लिए दिल से बधाई..विनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-73068120793875779702012-09-10T13:28:08.912+05:302012-09-10T13:28:08.912+05:30ऐसे पौराणिक बिंबों वाली ग़ज़लें इन दिनों कम देखने ...ऐसे पौराणिक बिंबों वाली ग़ज़लें इन दिनों कम देखने में आई हें. <br /><br />छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों<br /><br />ये अर्थ को संपूर्णता देती पंक्तियाँ है. बहुत खूब कहा है.<br />Bharat Bhushanhttps://www.blogger.com/profile/10407764714563263985noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-57609641632687577222012-09-10T12:47:01.641+05:302012-09-10T12:47:01.641+05:30अज़ब ये सिलसिला क्यूं है—
विरोधाभासों के बोझों से—
...अज़ब ये सिलसिला क्यूं है—<br />विरोधाभासों के बोझों से—<br />दबी जिंदगी सिसकती क्यूं है<br />इंद्रधनुष देखने को उठती हैं नज़र<br />स्याह बादलों से घिरा,आसमान क्यूं है--<br />मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-3261116165160410912012-09-09T22:28:58.694+05:302012-09-09T22:28:58.694+05:30 विरह की आग में फिर
तपे बस उर्मिला क्यों
छला ... विरह की आग में फिर <br />तपे बस उर्मिला क्यों <br /><br />छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों <br /><br /><br />सही कहा है आपने ....आज भी तो नारी को ही हर परीक्षा से गुज़रना पड़ता हैं ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-87765600251075850282012-09-09T20:42:30.867+05:302012-09-09T20:42:30.867+05:30छला तो इंद्र ने था
अहिल्या ही शिला क्यों
छोटी ब...छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों <br /><br />छोटी बह्र में भी आपने कमाल कर दिखाया .....:))<br /><br />हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-50151231407203341692012-09-09T19:21:43.596+05:302012-09-09T19:21:43.596+05:30Bahut khub .......
Badhiya likha hai sir ji .........Bahut khub .......<br />Badhiya likha hai sir ji ......Suresh kumarhttps://www.blogger.com/profile/05489753526784353258noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-43769242513638294862012-09-09T10:50:27.335+05:302012-09-09T10:50:27.335+05:30विरह की आग में फिर
तपे बस उर्मिला क्यों
छला तो इं...विरह की आग में फिर<br />तपे बस उर्मिला क्यों<br /><br />छला तो इंद्र ने था<br />अहिल्या ही शिला क्यों<br /> LAJABAB GAJAL DIGAMBAR JI ....SADAR BADHAI<br />Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-8547978186347090952012-09-07T17:53:43.114+05:302012-09-07T17:53:43.114+05:30इंद्र ने शाप तो झेला था बरसों तक.....पर अहिल्या को...इंद्र ने शाप तो झेला था बरसों तक.....पर अहिल्या को सजा क्यों..ये समझ नहीं आया। Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-36372296431668436732012-09-07T13:10:26.009+05:302012-09-07T13:10:26.009+05:30वाह बहुत खूब।वाह बहुत खूब।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-10086178807441841932012-09-07T08:19:04.531+05:302012-09-07T08:19:04.531+05:30छला तो इंद्र ने था
अहिल्या ही शिला क्यों....उत्कृ...छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों....उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-89630757730035949082012-09-07T02:43:17.605+05:302012-09-07T02:43:17.605+05:30 छला तो इंद्र ने था
अहिल्या ही शिला क्यों...
दिगम... छला तो इंद्र ने था <br />अहिल्या ही शिला क्यों...<br />दिगम्बर जी in पंक्तियों के लिए आपको प्रणाम... यूँ तो सभी पंक्तियाँ बहुत शानदार हैंलोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-7926262479575429012012-09-06T18:29:38.979+05:302012-09-06T18:29:38.979+05:30ये मौसम चुलबुला क्यों ,हवा को इत्तला क्यों ,
हुई च...ये मौसम चुलबुला क्यों ,हवा को इत्तला क्यों ,<br />हुई चिठ्ठों में खटपट ,रिसालों को पता क्यों ..... नारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से<br />नारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से <br /><br />आधी दुनिया के लिए सम्पूरण -पूरी तरह स्वस्थ रहे आधी दुनिया इसके लिए ज़रूरी है देहयष्टि की बस थोड़ी ज्यादा निगरानी ,रखरखाव की ओर थोड़ा सा ध्यान और .बस पुष्टिकर तत्वों को नजर अंदाज़ न करें .सुखी स्वस्थ परिवार के लिए इन खुराकी सम्पूरकों पर थोड़ा गौर कर लें:<br /><br /><br />रविकर फैजाबादी <br />चुस्त धुरी परिवार की, पर सब कुछ मत वार |<br />देहयष्टि का ध्यान कर, सेहत घर-संसार |<br />सेहत घर-संसार, स्वस्थ जब खुद न होगी |<br />सन्तति पति घरबार, भला हों कहाँ निरोगी ?<br />संरचना मजबूत, हाजमा ठीक राखिये |<br />सक्रिय रहे दिमाग, पदारथ सकल चाखिये ||virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com