tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post8030227981473168088..comments2024-03-29T12:46:14.160+05:30Comments on स्वप्न मेरे: एक साल माँ के बिना ... दिगम्बर नासवाhttp://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comBlogger68125tag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-73374710046669909032013-10-18T23:06:51.123+05:302013-10-18T23:06:51.123+05:30ओह माँ..!ओह माँ..!वसुन्धरा पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12807783136209273289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-69654143035432354492013-10-18T13:46:59.691+05:302013-10-18T13:46:59.691+05:30आपने पूरे वर्ष केवल माँ की याद में कविताएं लिखीं य...आपने पूरे वर्ष केवल माँ की याद में कविताएं लिखीं यह भी कम मार्मिक प्रसंग नही है । आपकी मातृभक्ति को नमन । और उस वन्दनीया माँ को भी शतशः प्रणाम । गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-2620728112269901242013-10-15T17:29:12.587+05:302013-10-15T17:29:12.587+05:30आपकी भावभरी पंक्तियाँ मन को द्रवित कर गईं ...सादर ...आपकी भावभरी पंक्तियाँ मन को द्रवित कर गईं ...सादर नमन..श्रद्धांजलि आदरणीया माता जी को ..और ..नमन आपकी लेखनी को !!ज्योति-कलशhttps://www.blogger.com/profile/05458544963035421633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-54566569892049990672013-10-15T17:10:24.782+05:302013-10-15T17:10:24.782+05:30
मां, मुझे सब है पता,तू सब जानती है---
जाने वाले...<br /> <br />मां, मुझे सब है पता,तू सब जानती है---<br />जाने वाले को,क्या दे सकते हैं---कुछ संवेदनायें,<br />कुछ आंसू---हम भाग्यशालीए हैं—हमारे पास<br />देने को कुछ तो है—सवाल देने ना देने का है?<br />मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-62646420031035290302013-10-15T17:10:22.619+05:302013-10-15T17:10:22.619+05:30
मां, मुझे सब है पता,तू सब जानती है---
जाने वाले...<br /> <br />मां, मुझे सब है पता,तू सब जानती है---<br />जाने वाले को,क्या दे सकते हैं---कुछ संवेदनायें,<br />कुछ आंसू---हम भाग्यशालीए हैं—हमारे पास<br />देने को कुछ तो है—सवाल देने ना देने का है?<br />मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-80568295300451342282013-10-14T11:39:10.069+05:302013-10-14T11:39:10.069+05:30साल भर आप की लिखी माँ को समर्पित हर कविता मन को छू...साल भर आप की लिखी माँ को समर्पित हर कविता मन को छू लेने वाली थी .<br />इन सभी भावपूर्ण रचनाओं में अपने भाव पिरोये आप ने.<br /><br />यह श्रद्धा सुमन भी उनकी यादों में महक रहा है.<br />उनकी बरसी पर उन्हें भावभिन हार्दिक श्रद्धांजलि। Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-39940493685717130892013-10-13T16:56:24.273+05:302013-10-13T16:56:24.273+05:30आदरणीया माता जी को हार्दिक श्रद्धांजलि।
सादर आदरणीया माता जी को हार्दिक श्रद्धांजलि। <br /><br /><br />सादर Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-36122578784268092722013-10-11T15:56:44.952+05:302013-10-11T15:56:44.952+05:30दिगम्बर जी सच में दिल को छु गयी आपकी यह कविता.दिगम्बर जी सच में दिल को छु गयी आपकी यह कविता.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16789668845441229460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-34985116671413910582013-10-10T22:33:24.209+05:302013-10-10T22:33:24.209+05:30अपनी माँ की याद दिला दी आपने ...१९ साल हो गये उनको...अपनी माँ की याद दिला दी आपने ...१९ साल हो गये उनको इस दुनिया से रुखसत हुए पर लगता हैं आज भी हैं साथ में हमारे ....<br /><br />खबर आई थी कि तू आस्पताल में हैं <br />सास घर पर थी दातों को निकवा कर <br />दोनों को समान आदर देने के चक्कर में <br /> कल पर छोड़ दिया था तुझसे मिलना <br />पर कल जब आया मनहूस खबर लाया <br />भागें थे अस्पताल पर तू ना मिली <br />घर आये तो तुझसे नहीं तेरे शरीर से मिले <br />विशवास ही ना कर पाए थे कि तू नहीं रही <br />आंसू बस बरबस ढूलक-ढूलक जा रहे थे <br />जब तुझे ले जाने लगे थे तो भी समझ नहीं आया ... लगा कि सच में अब नहीं रही हैं इस दुनिया में <br />सब तैयारी में लगे थे नहाने धोने और बाद की क्रिया में..और हम सोच रहे थे कि तू चिता से उठ आएगी <br />सब को आश्चर्य में डाल लौट आएगी घर <br />रास्ता तकते रहे थे जब तक सब ना आये <br />अब कोई आ खुशखबरी देगा तब देगा इसी इन्तजार में थे पर ऐसा ना हुआ फिर भी विशवास था कि टूट ही नहीं रहा था <br />जब जब बेटी का जन्म होता हैं घर में <br />सोचते हैं शायद तू उनमे रूप धर आ जाएगी <br />पर यह भ्रम भी एक दो साल का होने पर टूट जाता हैं क्योकि तुझ सा उनमे कुछ नहीं दीखता ...ओ माँ तू सशरीर इस दुनिया में भले ना हो पर मेरे रूह में तू अब भी बसती हैं....सविता सविता मिश्रा 'अक्षजा'https://www.blogger.com/profile/16410119759163723925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-65014481235644133392013-10-09T07:23:42.237+05:302013-10-09T07:23:42.237+05:30यह रचना मी दिल के बहुत करीब हैं |यह रचना मी दिल के बहुत करीब हैं |Dr ajay yadavhttps://www.blogger.com/profile/17231136774360906876noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-38941203644182812822013-10-08T15:38:37.619+05:302013-10-08T15:38:37.619+05:30प्रवीण पाण्डेय ने कहा…
आपकी पंक्तियाँ हर बार हृदय ...प्रवीण पाण्डेय ने कहा…<br />आपकी पंक्तियाँ हर बार हृदय नम कर जाती हैं।<br /><br /> अरुन शर्मा अनन्त ने कहा…<br />सर्प्रथम माँ जी के श्री चरणों में सादर प्रणाम उन्हें सादर नमन एवं विन्रम श्रधांजलि. आदरणीय आप जब भी माँ के लिए लिखते हैं मेरी आँखें नम हो जाती हैं ऐसा लगता है ये सब कुछ मेरे साथ हुआ है ठीक ऐसा ही कुछ भी अलग नहीं. आदरणीय सत्य कहा आपने माँ के जितना चाहे लिख सकता हैं फिर भी कम ही पड़ेगा, आप लिखते रहें यह मेरी रूचि है दूसरों का तो पता नहीं. सादर नमन आपको<br /><br />Udan Tashtari ने कहा…<br />अब उन यादों के गुलदस्ता बना...खुशबू लो मुस्कराओतुम.....माँ खुश होगी..सच में..उबर मेरे भाई...आ जा कुछ दिन मेरे पास...देख कि कैसे जिया हूँ मैं!! चल...साथ मुस्करायेंगे माँ को याद कर..मेरी भी और तेरी भी..एक ही तो है..है न!!<br /><br />और मैं चौतीस साल से हर पल महसूस करती हूँ जैसे कल की बात हो <br />हर कदम पे उनकी कमी खली है <br />हार्दिक शुभकामनायें विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-76587110746164716342013-10-08T13:28:00.399+05:302013-10-08T13:28:00.399+05:30अचानक तू मुस्कुरा के बोली
“बताती तो क्या कर लेता”...अचानक तू मुस्कुरा के बोली <br />“बताती तो क्या कर लेता” <br /><br />सच है, बहुत सी चीजों में इंसान का बस नहीं चलता।<br />मगर माँ के आदर्श उनकी कही एक एक बात यादें बन साथ चलती है, इसीलिये वो हमेशा हमारे साथ होती है। नादिर खान https://www.blogger.com/profile/02357024049446530444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-36173917625382236182013-10-06T10:02:06.536+05:302013-10-06T10:02:06.536+05:30बहुत ही सुंदर एहसास !
आँखों को नम करती रचनाबहुत ही सुंदर एहसास ! <br />आँखों को नम करती रचनाRajputhttps://www.blogger.com/profile/08136572133212539916noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-40003599115807149572013-10-06T00:21:21.391+05:302013-10-06T00:21:21.391+05:30दिगम्बर जी मां को जितना भी लिखोगे उतना पढ़ा जायेगा...दिगम्बर जी मां को जितना भी लिखोगे उतना पढ़ा जायेगा... <br />आपकी मां को मेरी और से पुष्पांजलि अर्पित लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-89154649991645705782013-10-05T12:58:42.683+05:302013-10-05T12:58:42.683+05:30 आँखों को नम करती रचना ...... आँखों को नम करती रचना ......Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-54877929632324244892013-10-04T12:37:58.372+05:302013-10-04T12:37:58.372+05:30बधाई ब्लॉगर मित्र ..सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगों की सूची म...बधाई ब्लॉगर मित्र ..सर्वश्रेष्ठ ब्लॉगों की सूची में आपका ब्लॉग भी शामिल है |<br />http://www.indiantopblogs.com/p/hindi-blog-directory.htmlसु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-77472284284469598762013-10-04T04:10:59.531+05:302013-10-04T04:10:59.531+05:30आँखें भर आईं जब जब माँ को याद किया।आँखें भर आईं जब जब माँ को याद किया।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-26432452268886953732013-10-03T21:00:49.490+05:302013-10-03T21:00:49.490+05:30दिल को स्पर्श करनेवाली रचना दिल को स्पर्श करनेवाली रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-32839594293983598642013-10-03T19:49:29.806+05:302013-10-03T19:49:29.806+05:30जब भी माँ पर आपके भाव पढ़े हर बार आँखें नम हुयीं ....जब भी माँ पर आपके भाव पढ़े हर बार आँखें नम हुयीं ..... हृदयस्पर्शी भावदिल को छूने वाली प्रस्तुति .. संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-58665930048472128732013-10-03T17:17:17.409+05:302013-10-03T17:17:17.409+05:30दिल को छू लेने वाली कविता। माँ तो बस माँ होती है. ...दिल को छू लेने वाली कविता। माँ तो बस माँ होती है. <br />नमन।संतोष पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/06184746764857353641noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-79534012838171379152013-10-03T07:00:46.313+05:302013-10-03T07:00:46.313+05:30नमन,नमन,Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-3584028847445030572013-10-03T07:00:12.056+05:302013-10-03T07:00:12.056+05:30अब उन यादों के गुलदस्ता बना...खुशबू लो मुस्कराओतुम...अब उन यादों के गुलदस्ता बना...खुशबू लो मुस्कराओतुम.....माँ खुश होगी..सच में..उबर मेरे भाई...आ जा कुछ दिन मेरे पास...देख कि कैसे जिया हूँ मैं!! चल...साथ मुस्करायेंगे माँ को याद कर..मेरी भी और तेरी भी..एक ही तो है..है न!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-64228636850897320222013-10-03T00:53:00.954+05:302013-10-03T00:53:00.954+05:30marmsparshi....aabhar marmsparshi....aabhar Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-77369925776234187692013-10-02T23:56:33.749+05:302013-10-02T23:56:33.749+05:30माँ को सादर नमन, द्रवित कर गये........माँ को सादर नमन, द्रवित कर गये........अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1407525739260276743.post-52142196559717061442013-10-02T21:17:30.854+05:302013-10-02T21:17:30.854+05:30
पहला साल माँ के बिना इस एहसास के साथ ही बीतता है ...<br />पहला साल माँ के बिना इस एहसास के साथ ही बीतता है अब माँ नहीं हैं। हमारे साथ भी यही हुआ था लेकिन दोस्त जिसे मैं और आप माँ समझ रहे थे उसे तो हमने जला दिया। वह जो अविनाशी तत्व है वह अनेक बार नए शरीर में आता है जाता है कितनी बार कौन किस भूमिका में आता है सबके अपने अपने स्थाई स्टेशन हैं ट्रेन में बैठे यात्रियों की तरह। हम उसे सच मान लेते हैं। सबके गंतव्य स्थान हर जन्म में अलग अ लग हैं लेकिन जीव (आत्मा )का ब्रह्म (परमात्मा )से रिश्ता अविनाशी है।स्थाई भी वही है।जो यहाँ अभी सुख दे रहा है वही उसी अनुपात में दुःख का कारण भी बनता है। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com